भक्तों के कांधे पर विजर्सन के लिए गई बड़की मईया व छेटकी मईया सहित शहर की चार प्रतिमाएं
- मां की प्रतिमा को कांधे पर लेने के लिए व्याकुल दिखी भक़्तों की भीड़
गिरिडीह। भक्तों के बीच बड़की मईया और छोटकी मईया के नाम से प्रसिद्ध शहर के प्रमुख मंडपों में एक शहर के आईसीआर रोड स्थित श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप और छोटी काली मंडा में विजया दशमी के मौके पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों ने मां की प्रतिमा को कांधे पर लेकर नंगे पाव शहर भ्रमण करते हुए विसर्जन के लिए बरवाडीह स्थित मानसरोवर तालाब ले गये। युं कहा जाये कि श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप और छोटी काली मंडा सहित मां की विदाई की सबसे रोचक दृष्य शहर के आधा दर्जन मंडपों में देखने को मिली। जहां दशकों पुराने परंपरा के अनुसार माता की प्रतिमा को कांधे पर ले जाने के लिए भक्तो की भीड़ उमड़ी हुई थी। शाम ढलते ही श्रीश्री आदि दुर्गा मंडप और छोटी दुर्गा मंडप की प्रतिमा को भक्तो की भीड़ कांधे पर लेकर निकले और शहर के विभिन्न चौक चौराहों से होते हुए बरवाडीह स्थित मानसरोवर तालाब पहुंचे। दोनो प्रतिमा कुछ दूरी के अंतराल में साथ-साथ चल रही थी।

इधर शहर के सुंदर तालाब में ही बरगंडा के सार्वजनिक दुर्गा मंडप की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। तय समय पर भक्तों की भीड़ कांधे पर लिए निकली। जय दुर्गे के जयकारे के साथ शहर भ्रमण करते हुए सुंदर तालाब पहुंची, जहां विधि विधान के साथ मां की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। वहीं शाम ढलते ही उपनगरी पचम्बा के पचम्बा सार्वजनिक दुर्गा मंडप की प्रतिमा को इसी परंपरा के तहत भक्तो की भीड़ दुर्गा मंडप से कांधे पर लेकर निकले और जयकारे लगाते हुए पचम्बा के बुढवाहार तालाब पहुंची। जहां आरती के बाद माता को नम आंखों से विदाई देते हुए प्रतिमा विसर्जन किया।