हर्षोल्लास के साथ मनाया गया मकर संक्रांति का त्योहार
- लोगों ने स्नान कर किया दान, भगवान सूर्य की की आराधना
- बराकर नदी के तट पर उमड़ी भक्तांे की भीड़
गिरिडीह। स्नान, दान, तप का त्योहार मकर संक्रांति रविवार को गिरिडीह में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने रविवार की सुबह नदी, तालाब व घर पर स्नान करने के बाद तील, अन्न व द्रव्य का दान किया। पूजा अर्चना के बाद लोगों ने चूड़ा, दही, गुड़ के साथ ही तील के बने विभिन्न प्रकार व्यंजनों को ग्रहण किया। इस मौके पर गिरिडीह डुमरी मुख्य मार्ग स्थित बराकर नदी के तट पर भारी भीड़ उमड़ी हुई थी। लोग बराकर नदी में स्नान करने के बाद शिव मंदिर में श्रद्धा भाव से पूजा अर्चना की और भगवान सूर्य को अर्ध्य दिया। इस क्रम में नदी तट पर ही खिचड़ी सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाकर लोगों ने लूत्फ उठाया।
गौरतलब है कि मकर संक्रांति का त्योहार प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी को ही मनाया जाता है। क्योकि संक्रांति का अर्थ होता है सूर्य की एक राशि से दूसरे राशि मे ंप्रवेश करना और धर्मशास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में ंप्रवेश होता है। शास्त्र के अनुसार मकर संक्रांति को सूर्य उत्तरायण तथा खरमास की समाप्ति हो जाता है। उत्तरायण को देवताओं के दिन का प्रतिक माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि संक्रांति के पुण्यकाल में नदियों में स्नान व दान का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष 14 जनवरी को रात्रि 3 बजकर 2 मीनट पर भगवान सूर्य का मकर राशि में प्रवेश होने के वजह से ही रविवार को मकर संक्रांति का त्योहार मनाया गया।
इधर बराकर नदी तट पर स्थित शिव मंदिर के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा मकर संक्रांति के मौके पर यहां पर वर्षों से यहां पर गिरिडीह के आसपास के क्षेत्रों से लोग नदी स्नान व पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। इस दौरान मेले में किसी प्रकार का अशांति ना पहले इसलिए गिरिडीह प्रशासन पूरे दलबल के साथ दिखाई दी।