संक्रमितों का शव जलाने वाले गिरिडीह के दोनों युवा कोरोना यौद्धा से मिलने मुक्तिधाम पहुंचे डीसी, किया कार्य की तारीफ
डीसी को बताया गया कि अब लकड़ी देने के नाम पर मारवाड़ी युवा मंच मोटे रकम की करता है मांग
संसाधनों का कोई अभाव नहीं होने का दिलाया भरोषा
गिरिडीहः
मुक्तिधाम की स्थिति जानने और पिछले 15 दिनों से संक्रमितों के शव का दाह-संस्कार करने वाले गिरिडीह के दो कोरोना यौद्धाओं से मिलने सोमवार को डीसी राहुल सिन्हा मुक्तिधाम पहुंचे। जबकि इसे पहले एसआईटी के निदेशक और शहर के युवा समाजसेवी विजय सिंह भी इनसे मिलने मुक्तिधाम पहुंचे थे। इस दौरान युवा समाजसेवी विजय सिंह ने दोनों कोरोना यौद्धा मिथुन चन्द्रवंशी और राॅकी नवल को जहां हर संभव सहयोग करने का भरोषा दिलाया। वहीं डीसी राहुल सिन्हा ने इस दौरान मिथुन चन्द्रवंशी और राॅकी नवल से मुक्तिधाम के हालात की जानकारी लिया। मौके पर शहर के वरीय अधिवक्ता अजय सिन्हा मंटु और वरीय पत्रकार सह अधिवक्ता आलोक रंजन भी मौके पर मौजूद थे। जिस वक्त डीसी मुक्तिधाम पहुंचे थे। उस वक्त भी दो चिताए जल रही थी। इसमें एक संक्रमित का शव था। इधर मिथुन और राॅकी नवल ने डीसी को जानकारी दिया कि हर रोज करीब 9 से 10 कोरोना संक्रमित के शव का दाह-संस्कार किया जा रहा है। आंकड़े सुनकर डीसी ने भी अफसोस जाहिर किया। इस दौरान डीसी को यह भी जानकारी दिया गया कि समाजिक संस्था मारवाड़ी युवा मंच द्वारा अब संक्रमितों के शव जलाने के लिए लकड़ी देने के नाम पर मोटे रकम का मांग किया जाता है। यह भी बताया गया कि युवा मंच द्वारा वैसे लोगों से भी लकड़ी देने के नाम पर मोटे रकम का मांग किया जा रहा है। जो मोटे रकम देने के योग्य नहीं है। जबकि पहले ऐसे नहीं था। बल्कि, युवा मंच द्वारा निःशुल्क लकड़ी उपलब्ध कराया जा रहा था। ऐसे हालात में फिलहाल मिथुन और नवल ही अपने स्तर से वैसे संक्रमितों के रिश्तेदार को लकड़ी भी उपलब्ध करा रहे है।
हालात देखने पहुंचे डीसी को मिथुन और राॅकी ने बताया कि मुक्तिधाम में शव जलाने के लिए लोहे के शेड का निर्माण होना जरुरी है। जबकि पानी की कोई व्यवस्था भी नहीं है। संक्रमितों को जलाने के लिए पीपीई कीट, माॅस्क और ग्लबस को डीसी ने तत्काल दोनों युवाओं को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मौके पर डीसी ने भरोषा दिलाया कि अगले कुछ दिनों में लोहे का शेड और पानी की व्यवस्था कर दिया जाएगा। लेकिन दोनों युवा जिस प्रकार संक्रमितों के शव को जलाने में सहयोग कर रहे है। यह वाकई हिम्मत भरा कार्य है। हालात देखते हुए डीसी ने दोनों युवाओं को इस समाजिक कार्य के प्रति तत्पर रहने का सुझाव दिया। तो संसाधनों का कोई अभाव नहीं होने का भरोषा भी दिलाया।