व्यवहार न्यायालय में हुआ राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, उच्च न्यायालय के आंचलिक न्यायाधीश हुए शामिल
- कहा लोक अदालत समाज के लिए न्यायिक पर्व-लोग उठाये लाभ
- विभिन्न वाद से जुड़े करीब 18 सौ मामलों का हुआ निष्पादन, 125 करोड़ 36 लाख राजस्व की वसूली
गिरिडीह। गिरिडीह व्यवहार न्यायालय में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें उच्च न्यायालय के आंचलिक न्यायाधीश राजेश शंकर शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार प्रसाद, डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के साथ व्यवहार न्यायालय परिसर में लगे लोक अदालत का उद्घाटन संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर व फिता काटकर किया। इस दौरान व्यवहार न्यायलय परिसर में वृक्षारोपण भी किया गया।
मौके पर न्यायिक अधिकारी यशवंत प्रकाश, आनन्द प्रकाश, राजेश बग्गा, सीजेएम संदीप गौतम और जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव सोनम विश्नोई, सदर एसडीएम श्रीकांत यशवंत, उप नगर आयुक्त विषालदीप खालको, डीएसपी कोसर अली, बार एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष प्रकाश सहाय, महासचिव चुन्नू कांत, अंकिता राय समेत कई अधिवक्ता और पक्षकार शामिल हुए।
मौके पर आंचलिक न्यायाधीश राजेश शंकर ने लोक अदालत को देश और समाज हित में न्यायिक पर्व बताते हुए कहा कि लोक अदालत में किसी भी मामले में निष्पादन होने के बाद किसी भी पक्ष को कही और सुनवाई का कोई मौका नहीं मिलता है। इसलिए सुविधाओं के साथ लोक अदालत में कई मामले निपटाए जाते है। लोगांे को जागरूक होकर लोक अदालत का लाभ लेने के लिए शामिल होना चाहिए। ताकि लोगो को वक्त पर न्याय मिल सके।
इधर राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 10 पीठों का गठन कर खबर लिखे जाने तक एक हजार 772 पेंडिग केस निपटाए गए। जिसमें सिविल वाद से जुड़े 213 केस के साथ एनआई एक्ट से जुड़े 72 मामले और बिजली विभाग से जुड़े 280 केस के साथ मामूली अपराध से जुड़े 1058 मामले शामिल थे। वहीं अलग अलग विभागों से जूड़े विभिन्न मामलों में 125 करोड़ 36 लाख राजस्व की वसूली भी की गई है।