गिरिडीह के कबीर ज्ञान मंदिर में हुआ श्रीमद्भागवत का सामूहिक पाठ, हवन का भी किया गया आयोजन
गिरिडीहः
गिरिडीह के कबीर ज्ञान मंदिर सह आश्रम में साध्वी सद्गुरु मां ज्ञान सानिध्य में 551 श्रद्धालुओं ने श्रीमद्भागवत गीता का सारस्वर पाठ किया। इस दौरान कबीर ज्ञान मंदिर में ही गीता ज्ञान यज्ञ का भी आयोजन किया गया। जिसमें वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्रद्धालुओं ने हवन किया। और भगवान कृष्ण का आह्वान करते हुए गीता जंयती के मौके पर पूर्णाहुति दिया। हवन और पूजा-अर्चना को लेकर श्रद्धालुओं में सनातन धर्म का जीवन दर्शन कराने वाले ग्रंथ श्रीमद्भागवत गीता जंयती को लेकर उत्साह भी देखने को मिला। इसके बाद शुरु हुआ श्रीमद्भागवत गीता का 551 भक्तों द्वारा सामूहिक सारस्वर पाठ। जिसमें श्रद्धालु एक साथ एक स्वर में गीता के श्लोक का उच्चारण करते दिखे। इधर साध्वी मां ज्ञान ने कहा कि सनातन धर्म के दर्शन से जोड़ने वाला गीता का ग्रंथ बेहद रहस्मय ग्रंथ हैै। क्योंकि चार वेदो के विभाजन के बाद महर्षि वेदव्यास ने एक लाख श्लोकों के साथ महाभारत के महाग्रंथ श्रीमद्भागवत का रचना किया। मां ज्ञान ने श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीकृष्ण और अर्जुन के संवाद की झलक इसी ग्रंथ में मिलता है। क्योंकि अठ्ठारह अध्याय के साथ सात सौ श्लोक और नौ हजार छप्पन शब्द है। मां ज्ञान ने मौके पर भक्तों को श्रीमद्भागवत ग्रंथ को लेकर कई और जानकारी भी दी।
तो मौजूद श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि हर एक सनातनी धर्म के लोगों को श्रीमद्भागवत का ग्रंथ घरों में रखना ही चाहिए, जिसे घर का माहौल निर्मल और पवित्र रहने के साथ हर नकरात्मक पहलू से दूर रखता है। इधर सामूहिक रुप से हुए पाठ में अरुण माथुर, सिद्धांत कंधवे, विनय कपिस्वे, योग भारती समेत कई स्वयं सेवक इस दौरान मौजूद रहे।