रंजीत हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जावेद को थर्ड एडीजे के कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में किया रिहा
- पिता ने मुफ्फसिल थाना के पूर्व एसआई पर लगाया अनुसंधान में लापरवाही का आरोप, उच्च न्यायालय में देंगे चुनौती
- 12 दिसबंर 2020 को ग्राफिक्स डिजाईनर रंजीत साव की हुई थी हत्या
- मामले में जावेद को बनाया गया था मुख्य अभियुक्त, लंबे समय तक रहा था फरार
गिरिडीह। चर्चित ग्राफिक्स डिजाईनर रंजीत साव हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जावेद अंसारी को सोमवार को गिरिडीह के थर्ड एडीजे सोमनाथ सिकदर के कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में रिहा करने का आदेश सुनाया। वहीं कुछ दिन पूर्व ही इसी कोर्ट में हत्याकांड के दुसरे आरोपी मोकिम अंसारी को भी रिहा कर दिया था। हालांकि ग्राफिक्स डिजाईनर हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जावेद अंसाारी के रिहाई का विरोध सरकारी वकील सुधीर कुमार ने किया। लेकिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता दुर्गा पांडेय के दलीलों के आधार पर थर्ड एडीजे के कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त जावेद अंसारी के रिहाई का आदेश दिया। माना जा रहा है कि रिहाई के आदेश के बाद मंगलवार को जावेद जेल से बाहर निकलेगा।
इधर बेटे रंजीत साव हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त जावेद की रिहाई का विरोध करते हुए उसके पिता ने मुफ्फसिल थाना के पूर्व एसआई सह अनुसंधानकर्ता प्रकाश मंडल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अनुसंधानकर्ता द्वारा हत्याकांड के मामले में अनुसंधान के दौरान लापरवाही बरती गई है। पिता ने अनुसंधानकर्ता पर हत्या में शामिल आरोपियों से मिले होने का भी आरोप लगाते हुए कहा कि वो अब निचली अदालत के फैसले हाई कोर्ट में चुनौती देगें।
विदित हो कि तीन साल पहले 12 दिसबंर 2020 को मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के महेशलुंडी गांव के 25 वर्षीय युवक और ग्राफिक्स डिजाईनर रंजीत साव की हत्या गिरिडीह-डुमरी रोड के बदडीहा स्थित भूत बंगला में की गई थी। घटना के बाद पुलिस को 13 दिसबंर को रंजीत साव का शव कुचली हुई अवस्था में मिली थी। जांच में पुलिस को यह मामला बकाए पैसे को लेन-देन को लेकर हुए हत्या के रुप में सामने आया था। जिसमें जावेद और मोकिम को मुख्य अभियुक्त बनाया गया था। जानकारी के अनुसार मृतक ग्राफिक्स डिजाईनर रंजीत साव को मुख्य अभियुक्त जावेद से दो लाख 90 हजार बकाया लेना था। इसी लेन-देन को लेकर ही जावेद ने अपने साथी मोकिम के साथ मिलकर हत्याकांड को अंजाम दिया था। हत्या के बाद जावेद फरार हो गया था। जबकि मोकिम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। फरार होने के बाद पुलिस ने जावेद के घर कुर्की जब्ती तक किया था और उसका घर तक तोड़ा गया था। कुछ महीनें पहले ही पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर जावेद को मुंबई से दबोचा था।