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मनरेगा में फैले भाष्ट्राचार का एक ओर मामला आया सामने

  • बिना कूप निर्माण कराए लाखों का किया गया भुगतान

गिरिडीह। गावां प्रखंड में गरीब मजदूरों को रोजगार से जोड़ने और मुहैया कराने वाली मनरेगा योजना आज कर्मचारियों, अधिकारियों व ठेकेदारों के गठजोड़ सिर्फ कमाई का जरिया बन कर रह गया है। अगर इसमें बात करे फैले भ्रष्टाचार की तो यह कहना बिलकुल गलत नही होगा कि अधिकारियों व कर्मचारियों को सिर्फ पैसे की बात समझ आती है। जिसका आलम यह है कि मनरेगा के तहत कार्य भले जमीनी हकीकत में न हुआ हो मगर वह कागजों में पूरे हो जाते हैं और उसका भुगतान भी कर दिया जाता है। वैसे अगर बात करें इन कार्यों कि तो ऐसे कई मामले पूरे प्रखंड में आपको देखने को मिलेंगे बस उसकी जांच बाहर के लोगों से कराया जाए तो मामला सामने आयेगा।


गावां प्रखंड के मंझने की जहां डुमरडीहा गांव में एक कूप का निर्माण कराए बगैर ही 1 लाख 73 हजार 556 रुपए का भुगतान कर दिया गया। जबकि इसका कोई अस्तित्व ही देखने को नही मिला। बता दें कि योजना का नाम ग्राम डुमरडीहा में प्रकाश चौधरी के खेत के बगल में कूप निर्माण है, वहीं इसकी योजना कोड 341900700/आईएफ/7080901530295 है। यह भुगतान दो भाग में किया गया है पहले भाग में मजदूर राशि 56040 रुपए है तो दूसरे भाग में सामग्री राशि 1 लाख 17 हजार 516 रुपए है।


बताते चलें कि इसकी जानकारी मिलने के बाद राजद के गावां प्रखंड अध्यक्ष विनोद यादव ने इसकी लिखित शिकायत उप विकास आयुक्त से करते हुए मामले में कार्यवाई की मांग की है।


इस संबंध में जब मंझने पंचायत के मुखिया अजीत चौधरी से पूछा गया तो उन्होंने इसकी किसी प्रकार की जानकारी होने से साफ इंकार दिया। वहीं पंचायत सेवक बसंत ने बताया कि कुआं की मिट्टी खुदाई होने के बाद कुआं धंस गया और बनाने की सामग्री कुआं के पास मौजूद थी। जिसे देखते हुए उन्होंने इसका मेटेरियल का भुगतान करवाया है।

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