सीसीएल की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर चलाया गया अभियान
- बुलडोजर से ढाये गए कई नवनिर्मित व अर्धनिर्मित मकान
- महिला के विनती करने पर पशीजे अधिकारी, एक सप्ताह में घर खाली करने की दी मोहलत
- न्यायिक अधिकारियों के आवास निर्माण के लिए चयनीत है उक्त जमीन: एसडीएम
गिरिडीह। सदर प्रखंड के महेशलुंडी गांव में गुरुवार को जिला प्रशासन और सीसीएल प्रबंधन ने ज्वाइंट ऑपरेशन चलाकर स्थानीय लोगों द्वारा किए गए सीसीएल के अतिक्रमित जमीन को मुक्त कराया। अभियान का नेतृत्व में जहां सदर एसडीएम विषालदीप खलको कर रहे थे। वहीं टीम में सदर सीओ रविभूषण प्रसाद, नगर थाना प्रभारी राम नारायण चौधरी, मुफ्फसिल थाना प्रभारी कमलेश पासवान, पचम्बा थाना प्रभारी मुकेश दयाल सिंह और सीसीएल के सुरक्षा अधिकारी एनके नायक भारी पुलिस जवानों के साथ शामिल थे। महेशलुंडी गांव में अतिक्रमण मुक्त कराने के दौरान विरोध कर रहे लोगों को शांत करने के लिए पुलिस को मामूली बल प्रयोग भी करना पड़ा। इस दौरान जेसीबी सीसीएल जमीन पर नवनिर्मित व अर्धनिर्मित मकानों को जमींदोज कर दिया गया। जिसके बाद स्थानीय मुखिया शिवनाथ साव के नेतृत्व में ग्रामिणांे के द्वारा अभियान का विरोध किया गया। लेकिन अधिकारियों के आगे उनकी एक न चली।
अभियान के दौरान एक मकान की गृहस्वामिनी ने विरोध करते हुए अपने घर को करीब तीन घंटे तक बंद रखा। जिससे नाराज अधिकारियों ने किसी तरह घर को खुलवाया और महिला सहित उसके परिवार के सभी सदस्यों को घर से बाहर निकाला गया। इसके बाद घर में रखे समान को बाहर निकालने लगे। तभी महिला अधिकारियों के पांव में गिर पड़ी और रोते हुए घर को छोड़ देने की अपील की। जिसके बाद एसडीएम के निर्देश पर सीओ ने माइक से अनाउंस कराते हुए अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण किए हुए जमीन को एक सप्ताह में खाली करने का वक्त दिया।
मौके पर सदर एसडीओ विशालदीप खलखो ने बताया कि उक्त जमीन सीसीएल की है। जिसे न्यायाधिशों के आवास निर्माण के लिए अधिगृहित किया गया है। कहा कि विगम कई दिनों से स्थानीय लोगों को उक्त जमीन को खाली करने का निर्देश दिया जा रहा था, लेकिन जमीन पर कब्जा करने वाले लोग निर्माण कार्य किए जा रहे थे। कहा कि लोगों को जमीन खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिस जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जा रहा है। उसका थाना संख्या 197 प्लॉट नंबर 444 ओर 445 खाता संख्या 396 कुल रकबा 10 पॉइंट 5 एकड़ है।
इधर मुखिया शिवनाथ साव ने बताया कि ईस्ट इंडिया कंपनी के तहत ब्रिटिश शासन में मूल वासियों को माइनिंग के लिए यह जमीन उपलब्ध कराई गई थी। लेकिन आज हमारे कागजातों को गलत बता दिया जाता है। उन्होंने कहा की सीसीएल के अन्य जमीन है लेकिन हमलोगो के इलाको को प्रशासन टारगेट की हुई है। विदित हो कि सीसीएल के जिस बड़े प्लाट को अतिक्रमण से मुक्त कराने का अभियान चलाया जा रहा है। उस पूरे प्लॉट पर गिरिडीह कोर्ट के न्याययिक अधिकारियों का आवास बनना है। जिसके लिए जमीन को खाली कराया जा रहा है। हालांकि इस बात से भी इंकर नही किया जा सकता है कि एक ओर जहां जमीन पर स्थानीय लोगों के द्वारा कब्जा किया गया है। वहीं इलाके के जमीन माफियाओं के द्वारा भी बड़े स्तर पर सीसीएल की जमीन पर कब्जा कर उसे लोगों के बीच बेचने का कार्य किया गया है। जिस पर अब लोग अपना आशियाना बना ही रहे थे उन्हें हटाने का अभियान शुरू किया गया।