गुमशुदा लोगों के बरादमगी में भी गिरिडीह पुलिस की उपलब्धि शून्य, दो माह से गायब है जमुआ की 12 वर्षीय बेटी खुशबू
गिरिडीहः
गुमशुदा लोगों को तलाशने में गिरिडीह पुलिस की उपलब्धि बिल्कुल शून्य है। क्योंकि देवरी के भेलवाघाटी थाना क्षेत्र अडवारा गांव से 54 वर्षीय विक्रम यादव सोमवार को गायब हुए। छह दिनों बीत चुके है लेकिन वृद्ध विक्रम यादव का कोई सुराग पुलिस को हाथ नहीं लगा। जबकि उनकी पत्नी गुंजरी देवी ने गुरुवार को ही भेलवाघाटी थाना में पति के गुमशुदा होने की जानकारी दिया। तो दुसरी घटना पचंबा थाना क्षेत्र के बोड़ो का है। जहां से 12 साल की बच्ची खुशबू कुमारी को गायब हुए दो माह बीतने को है। लेकिन इस 12 वर्षीय बच्ची का भी कोई सुराग पुलिस अब तक पता नहीं लगा पाई। लापता बच्ची की मां कुसुमी देवी और उसके पिता कारु राय बीते दो माह से बेटी को सुरक्षित देखने के लिए बैचेन है। लेकिन पचंबा पुलिस दो माह बाद भी इस 12 साल की बेटी खुशबू को सुरक्षित बरामदगी तो दूर, यह पता नहीं लगा पाई है कि खुशबू का किसी ने अपहरण किया है या नहीं। वैसे इन मामलों में पुलिस के नाकामी का लिस्ट कुछ अधिक ही बड़ा है। लेकिन जमुआ थाना क्षेत्र के नारोबाद गांव की 12 वर्षीय खुशबू कुमारी के गुमशुदगी मामले का दायरा दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। वैसे पचंबा थाना प्रभारी सौरभ कुमार का दावा है कि मामले में जिन-जिन लोगों पर संदेह था उन सबों से पूछताछ किया गया। लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। जबकि खुशबू को उसके स्कूल के प्राध्यानाध्यापक सतीश शर्मा उसके घर से बीते 5 जूलाई को मां कुसुमी देवी को यह कहकर ले गए थे कि वो उनकी बेटी को पढ़ाई कराने पचंबा के बोड़ो ले जा रहे है। इसके बाद से कुसुमी देवी की बेटी का कोई पता नहीं चला। जब मां और पिता ने बेटी से बात करने का प्रयास किया। तो प्राध्यानाध्यापक का कहना था कि उनकी बेटी खुशबू को उसकी मां कुसुमी देवी के पास छोड़ चुके है। इसके बाद उन्हें भी जानकारी नहीं। तो दुसरी तरफ मां कुसुमी देवी बेटी को मिलने की बात से साफ इंकार करते हुए कहा कि दुसरे दिन पचंबा थाना में बेटी के लापता होने का केस दर्ज कराई। जानकारी के अनुसार नारोबाद गांव की खुशबू कुमारी गांव के उत्क्रमित मध्य विद्यालय में पढ़ाई करती थी। और खुशबू को उसके घर से ले जाने वाले प्राध्यानाध्यपाक सतीश शर्मा भी उसी स्कूल में पोस्टेड थे। बहरहाल, हत्या और अपराधिक घटनाओं खुलासा कर पाने में गिरिडीह पुलिस के लिस्ट में अब गुमशुदा लोगों की बरादमगी की नाकामी भी शामिल हो चुका है।