किसान महापंचायत के रूप में मनाई गई माले नेता इब्नुल हसन बसरू की 12वीं बरसी
- कृषि कानूनों का विरोध तथा जन मुद्दों पर आंदोलन का लिया गया निर्णय
- मोदी सरकार के कृषि कानून के खिलाफ ओर तेज होगा किसान आंदोलन: विनोद सिंह
गिरिडीह। भाकपा माले के पूर्व केंद्रीय कमेटी सदस्य एवं गिरिडीह जिले के दिग्गज कम्युनिस्ट नेता इब्नुल हसन बसरू की 12वीं बरसी बुधवार को मिर्जागंज के बीबी पांडे सभागार में किसान महापंचायत के रूप में मनाई गई। कार्यक्रम शुरू करने से पूर्व उपस्थित माले नेताओं सहित कार्यकर्ताओं ने बसरू जी को श्रद्धांजलि देकर उनके अधूरे सपनों को पूरा करने का संकल्प दोहराया।
कार्यक्रम के मुख्यवक्ता माले विधायक विनोद सिंह ने तीनों काले कानूनों को देश के किसानों के खिलाफ तथा मोदी सरकार को कंपनियों की हितैषी बताते हुए कहा कि, किसान संघर्ष अभी और तेज होगा। उन्होंने लोगों को बसरु जी के बताए रास्ते पर चलते हुए हक अधिकार की लड़ाई तेज करने की अपील की। वहीं पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली है। लेकिन उनकी यह मंशा कभी सफल नहीं होगी।
किसान महापंचायत कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा माले के जिला सचिव सह अखिल भारतीय किसान महासभा के झारखंड प्रदेश सचिव पूरन महतो ने करते हुए कहा कि, तीनों काले कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष को तेज करना है। कार्यक्रम का संचालन माले के जिला कमेटी सदस्य विजय पांडे ने किया।

महापंचायत को माले के जमुआ विधानसभा क्षेत्र के नेता अशोक पासवान, गांडेय विधानसभा क्षेत्र के नेता राजेश कुमार यादव, उस्मान अंसारी, जयंत चौधरी, कौशल्या दास, रामेश्वर चौधरी, जमुआ प्रखंड सचिव रीतलाल वर्मा, जिप सदस्य मनोवर हसन बंटी, मीना दास, किशोरी अग्रवाल, मुन्ना कुमार मिस्त्री, रामकिशुन यादव, कुलदीप राय आदि ने संबोधित किया। वहीं महापंचायत से पारित प्रस्तावों का पाठ तथा धन्यवाद ज्ञापन गिरिडीह विधानसभा प्रभारी नेता राजेश सिन्हा ने किया।
आज पारित किए गए प्रस्ताव में तीन कृषि कानूनों को रद्द कर एमएसपी कानून लागू करने, देवरी में वन विभाग की जमीन पर बसे 2 दलित परिवारों का घर गिराए जाने का विरोध कर तत्काल उनका घर बनाने तथा मुआवजा देने की मांग की गई।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से असगर अली, नौशाद अहमद चांद, निशांत भास्कर, रंजीत यादव, रामधनी राउत, जीतू शर्मा लल्लन यादव, गफूर अंसारी, सुरेंद्र राय, प्रदीप सिंह समेत अन्य मौजूद थे।