सलूजा गोल्ड स्कूल के छात्रों ने की पारसनाथ पर्वत की ट्रैकिंग
- जैन तीर्थस्थली के साथ ही प्रकृति के मनोरम दृश्य का उठाया लूत्फ
- अपने अनुभव को किया आईआरबी और सीआरपीएफ जवानों के जवानों से साझा
गिरिडीह। छात्रों में आत्मविश्वास पैदा के उद्देश्य से सलूजा गोल्ड इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन के द्वारा मंगलवार को पारसनाथ ट्रैकिंग इवेंट का आयोजन किया। जिसमें स्कूल के पांचवी कक्षा से 12वीं कक्षा के छात्र छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ हिस्सा लिया और छात्रों को जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल और निर्वाण भूमि मधुबन के सम्मेद शिखर पहाड़ का भ्रमण कराया। स्कूल की प्रिंसिपल नीता दास, डिप्टी डायरेक्टर रामनप्रित कौर सलूजा समेत कई शिक्षक ट्रैकिंग इवेंट में शामिल हुए। इस दौरान मधुबन के शोध संस्थान मंदिर का भ्रमण किया और जैन समाज के प्रवर्तक भगवान महावीर के दर्शन कराया। मधुबन के धार्मिक स्थल का भ्रमण कराने के बाद सभी छात्र छात्राएं पैदल सम्मेद शिखर मधुबन पहाड़ की चढ़ाई शुरू की।
इस दौरान छात्रों के इस जत्थे ने पारसनाथ पहाड़ के भौगोलिक बनावट से अवगत हुए, वहीं पहाड़ के अलग-अलग हिस्सों में आईआरबी और सीआरपीएफ कैंप के जवानों से भी मिलकर अपने अनुभव को साझा किया। लेकिन झारखंड के सबसे ऊंचे पहाड़ के भ्रमण के दौरान छात्रों का जोश भी देखने लायक था।
इधर स्कूल के डायरेक्टर जोरावर सिंह सलूजा ने कहा कि सलूजा गोल्ड स्कूल का टारगेट ही शुरू से रहा है वो अपने स्टूडेंट को हर नए अनुभव का एहसास कराए। कहा कि बदलते माहौल में स्टूडेंट के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि पारसनाथ पहाड़ को झारखंड के सौंदर्य का रानी कहा जाता है। जहां की सुंदरता लोगो को मोहती ही है साथ ही एक नया अनुभव का अहसास भी कराती है। आज के दौर में एक छात्र के लिए शिक्षा जरूरी है तो उन्हें नए अनुभव से अवगत कराना भी उतनी ही जरूरी है। पारसनाथ पहाड़ को जैन धर्म के जैन मुनियों का आशीर्वाद मिला है और ये तपोभूमि के रूप में भी जाना जाता है।