दुष्कर्म मामले में पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
- आरोपी पर लगाया 30 हजार का जुर्माना, नाबालिग आरोपी का मामला जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड में
- पांच वर्ष पूर्व 2018 में सरिया के चिचाकी में गांव के ही कैलाश च सुमित ने दिया था घटना को अंजाम
गिरिडीह। गिरिडीह के तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश और पोक्सो के विशेष न्यायाधीश यशवंत प्रकाश की कोर्ट ने पांच साल पहले नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी कैलाश कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला गिरिडीह के सरिया थाना के चिचाकी गांव से जुड़ी हुई। पांच साल बाद सोमवार को सरकारी वकील सुधीर कुमार और बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुशील दास के तमाम दलिलों को सुनने के बाद नाबालिग के साथ हुए दुष्कर्म के आरोप में पोक्सो के विशेष न्यायाधीश यशवंत प्रकाश ने बचाव पक्ष के वकील के दलील और कम सजा के अपील को मानने से इंकार करते हुए आरोपी कैलाश कुमार को दुष्कर्म की धारा 376 और नाबालिग के पोक्सो एक्ट की धारा 4 में आजीवन कारावास सुनाया। साथ ही 30 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। आरोपी द्वारा जुर्माना नही देने पर एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा का आदेश सुनाया है। हालांकि दुष्कर्म के इसी मामले में एक ओर आरोपी मनीष महतो भी शामिल था, लेकिन दूसरा आरोपी मनीष महतो नाबालिग है और उसका केस फिलहाल बाल न्यायालय यानी जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रहा है।
नाबालिग के साथ दुष्कर्म का यह मामला गिरिडीह के सरिया थाना के क्षेत्र के चिचाकी गांव का है। मामले में खुद पीड़िता ने सरिया थाना में पांच साल पहले 14 नवंबर 2018 को आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा था कि उसके गांव के कैलाश कुमार पिछले कई दिनों से उसके पीछे पड़ा हुआ था। किसी तरह उसका नंबर लेकर उसे परेशान तक किया करता था और इसी क्रम में 12 नवंबर की शाम आरोपी कैलाश कुमार ने उसे फोन कर आने को कहा। आरोपी के कहने पर पीड़िता पहुंची भी। इसके बाद आरोपी कैलाश ने पीड़िता को नया मोबाइल और रूपयों का लालच देकर उसके साथ दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देने के साथ ही पीड़िता को अपने दोस्त मनीष महतो के साथ वापस भेज दिया था। लेकिन मनीष ने भी पीड़िता के साथ दष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। घटना के दूसरे दिन कैलाश ने पीड़िता को गांव में एक भीड़भाड़ वाले स्थान पर छोड़ कर फरार हो गया था। घटना के बाद पीड़िता ने आरोपी कैलाश समेत मनीष महतो के खिलाफ सरिया थाना में केस दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस हरकत में आते हुए जांच शुरू किया और दोनो आरोपियों को दबोच कर जेल भेज दिया था।
मामले में पीड़िता की मां और पिता समेत नो लोगो की गवाही हुई थी। पांच साल बाद बेटी को मिले इंसाफ के दौरान पीड़िता के परिजनों की आंखो से आंसू निकल पड़े और उन्होंने पोक्सो के विशेष न्यायाधीश के समक्ष रोते हुए धन्यवाद दिया।