विशेष समिति पहुंची गिरिडीह, अधिकारियों और प्राईवेट कंपनी के प्रतिनिधियो ंके साथ किया बैठक, 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को नौकरी देने पर हुई चर्चा
गिरिडीहः
झारखंड विस की विशेष समिति मंगलवार को गिरिडीह पहुंची। और परिसदन भवन में डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और नियोजन पदाधिकारी प्रत्युष कुमार समेत कई पदाधिकारी शामल हुए। जबकि दो अलग-अलग बैठकों में कई बड़े फैक्ट्रियों के मालिक भी शामिल हुए। समिति में झामुमो विधायक और सभापति नलिन सोरेन, सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, पौडेयाहाट विधायक प्रदीप यादव शामिल थे। इस दौरान बैठक में कई महत्पूर्ण मुद्दांे पर चर्चा हुआ। जिसमें प्राईवेट नौकरियों में 75 फीसदी स्थानीय युवाओं के रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर बात कही गई। लेकिन पूरे समिति ने नाराजगी जाहिर किया कि सीसीएल समेत कई नीजि कंपनी इस दिशा में ध्यान नहीं दे रही है। तो कई सरकारी उपक्रमों में आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा 75 फीसदी युवाओं के रखने का फार्मूले को भी खराब बताया गया। समिति के सभापति समेत सदस्यों ने कहा कि 40 हजार और उनसे कम वेतन की नौकरी करने वाले युवाओं को हर हाल में नीजि कंपनियों को नौकरी उपलब्ध कराना है। फिलहाल यही राज्य सरकार कड़ा और सख्त निर्देश है। इसमें कोई कोताही बरर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियोजना पदाधिकारी को समिति द्वारा निर्देश दिया गया कि किन कंपनियों ने कितने स्थानीय युवाओं को नौकरी उपलब्ध कराया है। उसका वास्तिवक आंकड़ा पोर्टल में अपलोड करें। वहीं बैठक मंे कई प्राईवेट कंपनियों के प्रतिनिधियों और बड़ी कंपनियों के चैयरमेन ने जानकारी दिया कि वो भी स्थानीय युवाओं को नौकरी देने के लिए तैयार है। लेकिन कई युवाओं का आवसीय प्रमाण पत्र तक नहीं बना है। और नियोजन पोर्टल में आधार कार्ड स्वीकार नहीं किया जा रहा है। इस पर समिति ने राईट टू सर्विस एक्ट का हवाला देते हुए डीसी को निर्देश देते हुए कहा कि शिविर लगाकर युवाआंे का आवसीय प्रमाण पत्र बनाने की व्यवस्था करे। क्योंकि आवसीय प्रमाण पत्र युवाओं का बनाना बेहद जरुरी है जिसे वैसे युवाओं को रोजगार मिल सके। समिति के सभापति और सदस्यों ने नियोजन पदाधिकारी को उन आउटसोंर्सिंग एजेंसियों को भी खंगालने का निर्देश दिया कि जो राज्य सरकार के निर्देश से हटकर 75 फीसदी युवाओं के बजाय बाहरी युवाओं को नौकरी उपलब्ध करा रहे है। जिसमें नगर निगम के अकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट की चर्चा हुई, तो समिति ने अकांक्षा वेस्ट मैनेजमेंट को कड़ा निर्देश देते हुए कहा कि अगर हालात में सुधार नहीं होता है तो वो भी कार्रवाई के लिए तैयार रहे।