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श्री कबीर ज्ञान मंदिर में भव्य रूप से मनाया गया सद्गुरु मां ज्ञान का जन्मोत्सव

  • रक्तदान महायज्ञ का हुआ आयोजन, 505 यूनिट रक्त संग्रह कर बनाया रिकॉर्ड
  • रक्तदान को लेकर लोगों में दिखा उत्साह, महिलाओं ने भी बढ़ चढ़कर लिया हिस्सा

गिरिडीह। श्री कबीर ज्ञान मंदिर में मंगलवार को सद्गुरु मां ज्ञान का जन्मोत्सव भव्य रूप से मनाया गया। इस मौके पर कबीर ज्ञान मंदिर से जुड़े सैकड़ो लोगों ने सद्गुरु मां ज्ञान के पूजन वंदन के साथ उनका जन्मोत्सव मनाया। इस मौके पर श्रद्धा भाव से श्रद्धालुओं ने अपने आराध्य गुरुदेव का पूजन वंदन किया। वहीं कबीर ज्ञान मंदिर के प्रांगण में वृहत रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया और 505 यूनिट रक्त संग्रह किया। शिविर का उद्घाटन उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, सिविल सर्जन डॉ सोहेल अख्तर, सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, उपमहापौर प्रकाश सेठ, सद्गुरु मां ज्ञान ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। मौके पर रेड क्रॉस सोसाइटी के चैयरमेन अध्यक्ष मदन विश्वकर्मा, वाइस चैयरमेन डॉ तारकनाथ देव, सचिव राकेश मोदी, आरएसएस से मुकेश रंजन सिंह, कांग्रेस जिला अध्यक्ष धनंजय सिंह, पूर्व विधायक लक्ष्मण स्वर्णकार, माहूरी वैश्य महामंडल के सचिव उमाशंकर चरणपहाड़ी, डॉ विकास माथुर, डॉक्टर रितेश सिंहा, डॉक्टर सोहेल अख्तर कबीर ज्ञान मंदिर ट्रस्ट के अरुण माथुर, अशोक राम, गौतम सिंह, विनय शर्मा सहित शहर के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

शिविर के दौरान जहां रक्तदान करने वाले लोगों का उत्साह देखने लायक था। वहीं करीब सौ से अधिक महिलाओं ने भी शिविर में शामिल होते हुए रक्त संग्रह किया। शिविर में रक्तदाताओं की भीड़ को देखते हुए गिरिडीह ब्लड बैंक के अलावे, पीएमसीएच धनबाद तथा जालान हॉस्पिटल धनबाद की टीम पहुंची हुई थी। वहीं शिविर में रक्त संग्रह होने के बाद जलान हॉस्पिटल धनबाद को 51 यूनिट, पीएमसीएच धनबाद को 106 यूनिट तथा गिरिडीह ब्लड बैंक को 348 यूनिट देते हुए कुल 505 यूनिट रक्तदान का रिकॉर्ड बनाया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्री लकड़ा ने कहा कि मुझे पहली बार कबीर ज्ञान मंदिर आने का सौभाग्य मिला है। यहां आकर लोगों में जो रक्तदान के प्रति उत्साह देखा गया है वह निश्चय ही प्रशंसा के पात्र है। गुरु मां द्वारा जिस प्रकार से प्रयास किया जा रहा है, तथा यहां के लोगों के द्वारा इतनी अच्छी व्यवस्था कर रक्तदान की जा रही है, वह काफी सराहनीय है। वहीं सिविल सर्जन ने कहा है कि जिन्हें ऐसा लगता है कि रक्तदान करने से कमजोरी आती है, वे एक बार कबीर ज्ञान मंदिर में होने वाले रक्तदान में जरूर आकर देखे। यहां रक्तदान के प्रति प्रेरणा का ज्वलंत उदाहरण है। कबीर ज्ञान मंदिर एक ऐसा स्थान है जहां भाई हो या बहन रक्तदान के लिए होड़ लगाए रहते हैं। कहा कि विज्ञान अभी चांद तक पहुंच गया, लेकिन रक्त का कोई विकल्प नहीं बन पाया है, इसका एकमात्र उपाय रक्तदान ही है, इसीलिए लोगों को करना चाहिए।

मौके पर सतगुरु मां ज्ञान ने कहा कि सनातन धर्म के अंतर्गत कहा जाता है कि हर मनुष्य के तीन ऋण होते हैं, गुरु ऋण, देव ऋण और पितृ ऋण। ईश्वर को लोक लोकान्तर में नहीं ढूंढा जा सकता है। ईश्वर अगोचर है, निराकार है। यदि हम उनकी संतानों की सेवा करते हैं, मनुष्यों की सेवा करते हैं, तो ईश्वर खुश होते है। कहा कि रक्तदान महादान है और नर सेवा नारायण सेवा, तथा हमारे धर्म में वसुदेव कुटुंबकम कहा गया है। जब हम ईश्वर के निमित सेवा करते है तो ईश्वर की कृपा बरसती हैं। यदि आप रक्तदान करते है, तो उससे पुण्य प्राप्त होता है और वह पुण्य माता पिता को भी मिलता है।

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