सिखों के पांचवे गुरु गुरू अर्जन देव की शहीदी दिवस पर हुए कई कार्यक्रम
- गुरु अर्जन देव ने मुगल शासक के बर्बरता के खिलाफ लड़ी थी लड़ाई
गिरिडीह। मुगल शासकों के बर्बरता के खिलाफ संघर्ष करने वाले सिखों के पांचवे गुरु गुरु अर्जन देव की शहीदी दिवस मंगलवार को गिरिडीह में धूमधाम के साथ मनाई गई। इस मौके पर शहर के प्रधान गुरुद्वारे में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। शहीदी दिवस के मौके पर ही गुरुद्वारे के बाहर लस्सी का वितरण किया गया। जबकि दरबार साहब में ही शब्द-र्कीतन का आयोजन हुआ। अखंड पाठ का समापन भी शब्द-र्कीतन के बीच संपन्न हुआ।
इस दौरान उत्तराखंड के देहरादून से आएं रागी जत्था भाई हरप्रीत सिंह ने भजन-र्कीतन पेश किया। दोपहर बाद गुरुद्वारे में सिख समुदाय के भक्तों की भीड़ जुटनी शुरु हो गई थी। महिलाओं से लेकर युवा और सिख समाज के काफी संख्या में गणमान्य लोगों की भीड़ शब्द-र्कीतन और भजन में शामिल हुए।

मौके पर मौजूद गुरूद्वारा के प्रधान सेवक डा. गुणवंत सिंह मोंगिया ने जानकारी देते हुए कहा कि मुगल शासक जहांगीर के समाज पर बढ़ते अत्याचार और गुरु अर्जन देव जी के लोकप्रियता से घबरा कर मुगल शासक जहांगीर ने गुरु अर्जन देव जी को कड़ी गर्मी के बीच लोहे के गर्म तवे पर रखकर उनके सिर पर गर्म रेत डाला था। जहांगीर के अत्याचार के शिकार सिखों के पांचवे गुरु अर्जन देव जी हुए थे। सिख और पूरे समाज को सुरक्षित करने में गुरु अर्जन देव जी ने शहादत दी थी इसलिए उनके सम्मान में हर साल पूरे विश्व में शहीदी दिवस मनाया जाता है।
शब्द-र्कीतन और अखंड पाठ के समापन के दौरान सिख समुदाय डा. अमरजीत सिंह सलूजा, नरेन्द्र सिंह सलूजा सिम्मी, चरणजीत सिंह सलूजा, सतविंदर सिंह सलूजा, तरणजीत सिंह सलूजा, गिन्नी, सन्नी सलूजा, सरदार त्रिलोचन सिंह सलूजा, ऋषि सिंह सलूजा, देवेन्द्र सिंह, गुरदीप सिंह बग्गा, रोमल सिंह, गुरवंत सिंह मारवा, अनमोल सलूजा समेत सिख समुदाय के कई पदाधिकारी और सदस्यों के साथ महिलाएं मौजूद थी।