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ग्रेच्युटी पेंशन के लिए संसद पर सीटू के महापड़ाव में शामिल हुई कोडरमा की सेविका सहायिका

  • केन्द्र सरकार आईसीडीएस को निजी हाथों में देकर बाल विकास योजना को समाप्त करने की कर रही है साज़िश: सीटू
  • 10 हज़ार मानदेय देने का वादा कर भूल गई हेमन्त सरकार

कोडरमा। सीटू से संबद्ध ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ आंगनबाड़ी वर्कर्स एण्ड हेल्फर्स (आइफा) के आह्वान पर आंगनवाड़ी सेविका सहायिका को ग्रेच्युटी, पेंशन, 26 हज़ार मानदेय व स्थाईकरण की मांग पर दिल्ली में संसद के समक्ष जंतर मंतर पर चार दिवसीय महापड़ाव (26-29 जुलाई) में कोडरमा सहित झारखंड के विभिन्न जिलों से सेविका सहायिका शामिल हुई। कोडरमा से सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान और आंगनबाड़ी संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा देवी के नेतृत्व में दर्जनों सेविका सहायिका संसद मार्च में भाग ले रही है। फेडरेशन की अखिल भारतीय अध्यक्ष उषा रानी की अध्यक्षता में चल रही प्रदर्शन को फेडरेशन की राष्ट्रीय महासचिव एआर सिंधु, सीटू की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ0 हेमलता, महासचिव व पूर्व सांसद तपन सेन, अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला के अलावा झारखण्ड से संजय पासवान, मीरा देवी, सावित्री सोरेन, लखन लाल मंडल आदि ने भी सम्बोधित किया।

सभा को सम्बोधित करते हुए झारखण्ड के वक्ताओं ने कहा कि 1975 से सेविका सहायिका काम कर रही है। पोलियो मुक्त भारत बनाने में सबसे बड़ी भूमिका अदा की है। बच्चे के आने से लेकर जन्म से 6 वर्षाे तक उसका देखभाल करती हैं। देशभर में लगभग 27 लाख आंगनवाड़ी कर्मी जो देश की दो करोड़ गर्भवती धात्री माताओं समेत आठ करोड़ बच्चों का ख्याल रहती है। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में 45वें व 46वें श्रम सम्मेलन में सभी तरह कर्मियों को न्यूनतम 26 हजार वेतन देने का प्रस्ताव है, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ केन्द्र सरकार आईसीडीएस को निजी हाथों में देकर बाल विकास योजना को ही समाप्त करने की साज़िश की जा रही है। जिसके खिलाफ़ सीटू लगातार संघर्ष कर रहा है।

वक्ताओं ने कहा कि झारखण्ड की हेमन्त सरकार ने चुनाव के पहले 10 हज़ार मानदेय देने का वादा किया था, लेकिन अब हेमन्त सोरेन को याद भी नहीं है, इसके खिलाफ़ राज्यव्यापी आंदोलन तेज किया जाएगा। आंदोलन में संतोषी देवी, संध्या वर्णवाल, उर्मिला देवी, बेबी कुमारी, सरस्वती देवी, कांति देवी, पिंकी कुमारी, गुंजा कुमारी, सुनीता वर्णवाल, सरिता कुमारी, मीनू मुर्मू, सुमनलता मरांडी सहित झारखंड से दर्जनों सेविका सहायिका आदि शामिल हैं।

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