सतगुरु विवेक साहब निर्वाण महोत्सव सह गुरु गोविंद धाम स्थापना दिवस में उमड़ी अनुयायियों की भीड़
- सतगुरु विवेक साहब के समाधि स्थल पर चढ़ाई चादर
- मां ज्ञान द्वारा लिखित गीता ज्ञान दर्पण खंड 6 का हुआ भव्य रूप लोकार्पण
गिरिडीह। शहर के सिरसिया स्थित श्री कबीर ज्ञान मंदिर के प्रांगण में सोमवार को सतगुरु विवेक साहब निर्वाण महोत्सव सह गुरु गोविंद धाम स्थापना दिवस का भव्य आयोजन किया गया। दो दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले दिन सद्गुरु कवीर साहब द्वारा रचित साक्षी ग्रंथ का सस्वर अखंड पाठ करने के बाद उनकी पावन समाधि पर चादर चढ़ाई गई। इस दौरान सद्गुरु मां ज्ञान द्वारा लिखित श्रीमद्भागवत पर आधारित गीता ज्ञान दर्पण खंड 6 का भव्य रूप से लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से मां ज्ञान के अनुयायी मौजूद थे। दोपहर में ही मां ज्ञान के सानिध्य में ही विवेक साहब के समाधि स्थल में विशेष पूजन-वंदन किया गया। जबकि शाम ढलते ही कबीर ज्ञान मंदिर आश्रम के सभागार में नन्हें बच्चों द्वारा विवेक साहब के जीवनी पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। जिसमें बच्चों द्वारा एक के बाद एक कई सामूहिक नृत्य, एकांकी और नाटक का मंचन हुआ।
इस दौरान बताया गया विवेक साहब जी महाराज सतगुरु मां ज्ञान के पूज्य गुरुदेव थे जो सिहोडीह के पावन धरती पर माघ शुक्ल तृतीया के दिन पंचतत्व में विलीन हो गए थे। मौके पर सद्गुरु मां ने अपने गुरुदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया। साथ ही साथ सद्गुरु मां ने श्रीमद्भागवत गीता पर आधारित गीता ज्ञान दर्पण छठे खण्ड की जानकारी देते हुए कहा कि सनातन धर्म में गीता का महत्व अतुलनीय है। भगवत गीता हमें सुख में समता, व्यक्ति व्यक्ति में समता, वर्ण – वर्ण में समता, जाति जाति में समता, प्रांत भाषा, मत – मजहब पंथ आदि सभी में समता का ज्ञान देती है। गुरु मां ने बताया कि गीता ज्ञान दर्पण बहुत ही सरल शब्दों में लिखा गया है। कोई भी व्यक्ति इसका अनुकरण कर के अपना जीवन में उतार सकता है।