स्कूल की फीस से अभिभावक परेशान, झारखंड अभिभावक संघ कर रहा प्रदर्शन
- संघ ने सरकार से की स्कूल पर लगाम लगाने की मांग
- कहा नही हो रहा है सही ढंग से आॅनलाइन कक्षाओं का संचालन
रांची। निजी स्कूलों द्वारा कोरोना काल में फीस में बढ़ोत्तरी किये जाने के खिलाफ झारखंड अभिभावक संघ पिछले चार दिनों से प्रदर्शन कर रहा है। रविवार को भी संघ के द्वारा झारखंड के सभी प्रेस और मीडिया संस्थानों से मदद की अपील करते हुए एक वर्चुअल संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्चुअल संवाद के दौरान संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने समाज की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया है। जिससे उबरने में लोगों को काफी समय लगेगा। लेकिन स्कूलों के द्वारा बिना सोचे समझे फीस में बढ़ोत्तरी की जा रही है।
कहा कि कोरोना की पहली लहर के दौरान सत्र 2020-21 के लिए फीस वृद्धि पर राज्य सरकार ने रोक लगाते हुए आदेश दिया था कि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक केवल ट्यूशन फीस ही लेना है। साथ ही मासिक ट्यूशन फीस में भी वृद्धि नहीं करनी है। यह निर्देश उन स्कूलों के लिए था, जो ऑनलाइन क्लास चला रहे थे। जो स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं संचालित नहीं कर रहे हैं, उन्हें ट्यूशन फीस भी नहीं लेनी है। लेकिन नए सत्र 2021-22 के लिए सरकार ने इस तरह का अब तक कोई आदेश जारी नहीं किया है। वहीं स्कूल अब भी नहीं खोले गये ओर न ही सही ढंग से ऑनलाइन कक्षाओं का ही संचालन हो रहा है। बावजूद इसके फीस लिया जा रहा है।
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम-2017 को राज्य के हर जिले में प्रभावी बनाया जाए। इसके साथ ही किसी भी स्कूल के द्वारा बच्चों को फीस के एवज में ऑनलाइन पढ़ाई या परीक्षा से वंचित करने पर रोक लगाई जाये।