विश्व मूलनिवासी दिवस पर हुआ एक दिवसीय प्रबोधन सत्र का आयोजन
- वक्ताओं ने कहा कि मूलनिवासी को मनुवादी व्यवस्था को त्याग बाबा साहेब के विचारों पर चलने की जरूरत
गिरिडीह। जमुआ के बुद्ध विहार कन्दाज़ोर में विश्व मूलनिवासी दिवस के अवसर पर एक दिवसीय प्रबोधन सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मोहन बौद्ध के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मान्यवर संतलाल बौद्ध ने किया। जबकि संचालन शिक्षक नारायण कुमार दास ने किया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि आज ही के दिन पूरे भारत में मूलनिवासी दिवस के रूप मनाया जा रहा है। कहा कि हम 85 प्रतिशत इस देश के मूलनिवासी है। हमे यूरेशियन ब्राह्मणों ने 6743 जातियों में बांटकर अलग कर दिया है और हमारे सभी हक अधिकारों पर 3.5 प्रतिशत ब्राह्मणों ने कब्जा करके रखा है। कहा कि डीएनए रिपोर्ट के अनुसार स्पष्ट हो चुका है कि ब्राह्मण विदेशी है। कहा कि हम सभी मूलनिवासी को मनुवादी व्यवस्था को त्यागने की जरूरत है और हमलोगों को बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर के विचारों पर चलने की जरूरत है।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से सुरेंदर प्रसाद कुशवाहा, ओमप्रकाश महतो, राजेश कुमार रवि, रूपलाल दास, विश्वनाथ सिंह, प्रवीण कुमार, उज्वल कुमार रावण, टहल दास, अजित मंडल, रामेश्वर यादव, जयनारायण दास, मंसूर अंसारी, अरबिंद नागवंसी, बबलू साहू, राजा रविदास, प्रकाश दास, संजू राव अम्बेडकर, शक्ति पासवान, महेंद्र रविदास, राजकुमार दास, मुखिया महेश वर्मा, मुखिया दामोदर साहू, शिवशंकर दास, दीपक भारती, राजेन्द्र दास, महेश दास, राजा कुमार दास, प्रकाश दास सहित काफी संख्या में उपस्थित थे।