जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला का हुआ आयोजन
- केसीसी से शतप्रतिशत लाभुकों को आच्छादित करे बीएओ, बीटीएम व एटीएम: डीडीसी
- कृषि प्रक्षेत्र में विकसित नवीनतम तकनीकों, अवधारणाओं एवं पद्धतियों से कराये अवगत: कृषि पदाधिकारी
कोडरमा। जिला कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा बुधवार को कोडरमा स्थित बिरसा सांस्कृतिक भवन में जिला स्तरीय खरीफ कर्मशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उप विकास आयुक्त लोकेश मिश्रा शामिल हुए। कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि उप विकास आयुक्त व जिला अग्रणी प्रबंधक, जिला कृषि पदाधिकारी ने दीप प्रज्वालित कर शुरूआत की गई।
उप विकास आयुक्त लोकेश मिश्रा ने कहा कि कृषि के विकास में प्रखण्ड में कार्यरत प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, जनसेवक एवं कृषक मित्र का अहम योगदान होता है। उन्होंने प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी एवं जनसेवकों को अपने दायित्वों को कर्तव्यनिष्ठ होकर कार्यों का निर्वहन करने का निर्देश दिये। साथ ही कहा कि अगले एक हफ्ते के अंदर पीएम किसान सम्मान निधि के लाभुकों को केसीसी से शतप्रतिशत आच्छादित करें।
जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश तिर्की ने कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिला एवं प्रखण्ड में कार्यरत सभी पदाधिकारियों एवं प्रसार कर्मियों को खरीफ फसल आच्छादन का लक्ष्य से अवगत कराना एवं कृषि विशेषज्ञों के तकनीकी मार्गदर्शन में किसानों को कृषि प्रक्षेत्र में विकसित नवीनतम तकनीकों, अवधारणाओं एवं पद्धतियों आदि के बारे में जानकारी देने के उद्देश्य से कर्मशाला का आयोजन किया गया है। कार्यशाला के माध्यम से प्रखण्ड स्तर पर कार्यरत प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, प्रखण्ड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक, जनसेवक, कृषक मित्र, प्रगतिशील किसानों को समेकित कृषि पद्धति की नवीन तकनीक एवं विधियों से संबंधित जानकारी दिया जाएगा।
कार्यशाला में अग्रणी जिला प्रबंधक ने बीएओ, बीटीएम व एटीएम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत निबंधित सभी योग्य लाभुक किसानों का किसान क्रेडिट कार्ड बनाने पर जोर देने का सुझाव दिया। उन्होंने इसके लिए बैंक की ओर से पूरा सहयोग करने का आश्वासन भी दिया। इस मौके पर जिला अग्रणी प्रबंधक महेश प्रसाद, जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश तिर्की, डीडीएम नाबार्ड हरिदत्त पोद्दार, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास के तकनीकी पदाधिकारी महेश प्रसाद व कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक व अन्य मौजूद थे।