महिला दिवस पर गिरिडीह पुलिस की अनोखी पहल, दो कस्तूरबा स्कूल की छात्राओं को कराया जैन समाज के तीर्थंकरों की भूमि का भ्रमण
गिरिडीहः
अन्र्तराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर गिरिडीह पुलिस का एक बेहद अनोखा और समाजिक छवि का चेहरा देखने को मिला। जब एक साथ दो कस्तूरबा आवसीय बालिका विद्यालय की छात्राओं को विभाग के पदाधिकारियों ने कई स्थानों का भ्रमण कराया। छात्राओं को भ्रमण कराने का जिम्मा साइबर थाना के पुलिस निरीक्षक सुरेश मंडल, धनवार थाना के एसआई वीर सिंह, बेंगाबाद थाना के एसआई पवन कुमार और मधुबन थाना प्रभारी विल्सन गिरुवां को मिला था। पुलिस अधिकारियों के साथ भ्रमण में धनवार कस्तूरबा के साथ बेंगाबाद कस्तूरबा की आठवीं, नवमीं और 12वीं की छात्राएं शामिल थी। इस दौरान अधिकारियों के टीम ने इन छात्राओं को लेकर सबसे पहले जिला मुख्यालय के शहर स्थित संयुक्त जिला नियंत्रण कक्ष ले गए। जहां इन अधिकारियों ने इन छात्राओं को पुलिस विभाग की हर गतिविधियों से अवगत कराया। छात्राओं को मौके पर बताया गया कि कोई भी अप्रिय घटना पर एक काॅल पर पुलिस सक्रिय होती है। हर काॅल को इसी नियंत्रण कक्ष से हैंडिल किया जाता है। यही नही पूरे शहर के चप्पे की निगरानी नियंत्रण कक्ष में लगे टीवी से किया जाता है। क्योंकि पूरे शहरी क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए है।
इसके बाद पुलिस अधिकारियों की टीम के साथ कस्तूरबा की छात्राएं गिरिडीह-डुमरी रोड के न्यू पुलिस लाईन पहुंची। जहां अधिकारियों ने छात्राओं को पुलिस लाईन में रहने वाले पुरुष और महिला पुलिस कर्मियों से भेंट कराया। छात्राओं को बताया गया कि पुलिस लाईन में जवानों को रहने के लिए क्वार्टर दिए गए है। जहां विधि-व्यवस्था की समस्या पैदा होने पर जवानों को इसी पुलिस लाईन से रवाना किया जाता है। छात्राओं को यह भी बताया गया कि इसी पुलिस लाईन में सीआरपीएफ का कैंप भी है। जहां जवानों को हर प्रकार के घटनाओं से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस दौरान पुलिस लाईन में छात्राएं करीब आधा घंटे तक रुकी। और महिला पुलिस कर्मियों से मुलाकात की।
इसके बाद छात्राओं को लेकर पुलिस अधिकारी जैन समाज के तीर्थस्थल मधुबन गए। जहां अधिकारियों ने मधुबन के कई धार्मिक स्थलों से छात्राओं को रुबरु कराया। और मधुबन के कई भवनों का भ्रमण कराया गया। तो छात्राओं को यह भी बताया कि मधुबन में जैन समाज के 24 तीर्थंकरों ने मोक्ष हासिल किया था। जिसमें सम्मेदशिखर जी और भगवान पाश्र्वनाथ भी शामिल थे।