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संविधान दिवस पर ओबीसी मोर्चा ने किया गोष्ठी का आयोजन

  • देश के हुक्मरान देश के बहुसंख्यक समाज को नहीं दे रहे है उनका अधिकार: राजेश
  • सरकार से की ओबीसी समूदाय को 52 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग

रांची। संविधान दिवस के अवसर पर गुरुवार को ओबीसी मोर्चा के द्वारा आशीर्वाद भवन में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का उद्घाटन मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता, विशिष्ट अतिथि झारखंड आंदोलनकारी आजम अहमद, श्योर सक्सेस इंस्टिट्यूट के डायरेक्टर सुनील कुमार जायसवाल, मनन विद्या के डायरेक्टर केडी मोदी, अखिल भारतीय चैरसिया सभा के उपाध्यक्ष राजेश चैरसिया ने बाबा साहब के तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित कर किया। वहीं संगठन सचिव शत्रुघ्न राय ने भारत का संविधान का पाठ किया। जिसे उपस्थित सभी बंधुओं ने दोहराया। कार्यक्रम का संचालन इंजीनियर विजय कुमार प्रसाद ने किया।

देश के बहुसंख्यक समुदाय को नहीं मिल रहा है उनका अधिकार

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि 26 नवंबर 1949 ई. में देश में संविधान लागू हो जाने के बाद तमाम तरह के भेदभाव, छुआछूत कानून समाप्त हो गए और ऊंच-नीच, महिला पुरुष सभी धर्म के लोगों का इस देश में समान अधिकार हो गया। लेकिन इस देश के हुक्मरान के द्वारा संविधान का सम्मान नहीं देने में आज भी भेदभाव बरकरार है और विभिन्न कानून के माध्यम से हक अधिकार में कटौती की जा रही है। संविधान के अनुसार हक प्राप्त होने के बाद भी देश के बहुसंख्यक समुदाय को हक अधिकार पूरा नहीं मिल रहा हैं। बल्कि लगातार मिले हुए हको की भी कटौती की जा रही है। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार देश में जाति आधारित जनगणना कराएं, अनुबंध, लेटरल एंट्री, आउटसोर्सिंग व्यवस्था को समाप्त कर पूर्व के नियमित नियुक्ति करें। निजीकरण पर रोक लगाएं। देश में जनसंख्या अनुपात में ओबीसी को 52 प्रतिशत आरक्षण लागू हो।

सरकार के निजीकरण की नीति से कुछ काॅरपोरेट घराने हो रहे है मजबूत

विशिष्ट अतिथि झारखंड आंदोलनकारी आजम अहमद ने कहा कि देश में सरकारी उपक्रमों को निजीकरण से राष्ट्र का संपत्ति व्यक्तिगत हाथों में जा रहा है। जिससे चंद काॅरपोरेट मजबूत हो रहे है और राष्ट्र कमजोर हो रहा है। प्रो. गिरधारी राम गौंझू ने कहा कि भारतीय संवैधानिक व्यवस्था में अवसर की समता है परंतु धनी मनी के लिए सुविधा संपन्न शिक्षा व्यवस्था है तो जनसाधारण के लिए उपेक्षित साधन सुविधा एक शिक्षक विहीन (विशेषकर अंग्रेजी, गणित विज्ञान शिक्षक) शिक्षा व्यवस्था है। जबकि नौकरी के लिए प्रतियोगिता परीक्षा दोनों वर्ग के लिए एक समान है क्या यह अवसर की समता है?

गोष्ठी में थे उपस्थित

गोष्ठी के दौरान धन्यवाद ज्ञापन मोहम्मद अल्तमस ने किया। वहीं गोष्ठी में प्रदेश सचिव प्रेम नाथ साहू, प्रोफेसर गफ्फार ,महानगर प्रभारी सुधीर राय ग्रामीण जिला अध्यक्ष शिव प्रसाद साहू गोपाल चैरसिया रमेश सोनी, अजीत चैरसिया, चतुर साहू, राजीव राज, सहित कई लोग उपस्थित थे।

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