पचंबा में प्रस्तावित न्यायलय समेत अन्य सरकारी भवनों के निर्माण के लिए चिन्हित जमीन को भी नहीं बख्शा गिरिडीह के भूमाफियाओं ने
जांच के लिए गए अधिकारियों ने भी पाया कि अंचल पदाधिकारी और कर्मियों के मिलीभगत के बगैर भूमाफिया नहीं कर सकते इतना बड़ा खेला
गिरिडीहः
गिरिडीह सदर प्रखंड के पचंबा बस डिपो के विवादित प्लाॅट का मामला सदर अचंलाधिकारी चार माह में नहीं सुलझा पाएं थे। कि अब इसी पंचबा में सरकारी जमीन का अतिक्रमण कर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने की जांच करने शुक्रवार को पहुंचे। सदर एसडीएम विशालदीप खलखो के नेत्तृव में ही सदर सीओ रविभूषण प्रसाद और पचंबा थाना प्रभारी नीतिश कुमार भी जांच के दौरान शामिल थे। शुक्रवार को अधिकारियों की टीम पचंबा के जिस जरीडीह मौजा के प्लाॅट का जांच करने गई हुई थी। उस प्लाॅट में राज्य सरकार द्वारा व्यवहार न्यायलय के साथ न्याय सदन समेत कई सरकारी भवनों के निर्माण का प्रस्ताव है। करीब एक घंटे की जांच के दौरान एसडीएम और सीओ ने भी पाया कि पचंबा के ही भूमाफियाओं द्वारा जरीडीह मौजा के खाता नंबर 180-प्लाॅट नंबर 1534 के रकबा 78 एकड़ मौजूद है। जिसमें 10 एकड़ का प्लाॅट व्यवहार न्यायलय के भवन के लिए चिन्हित है तो कई डिस्मिल जमीनों में न्याय सदन के साथ कई और सरकारी भवनों का निर्माण किया जाना है। प्रशासन ने सालों पहले ही इस पूरे प्लाॅट में इन भवनों के निर्माण के लिए जमीन चिन्हित कर लिया था। और अधिकग्रहण से संबधित बोर्ड तक लगा दिया गया था। इसके बाद भी भूमाफियाआंे ने सदर अंचल के पदाधिकारी और कर्मियों के मिलीभगत से ही प्रशासन द्वारा चिन्हित जमीन तक की घेराबंदी कर लिया।
वैसे जांच के लिए गए अधिकारियों ने भी पाया कि बगैर अचंल के पदाधिकारी व कर्मियों के मिलीभगत से भूमाफिया जिला मुख्यालय में जमीन का इतना बड़ा खेला नहीं कर सकते। लिहाजा, एसडीएम के निर्देश पर प्लाॅट नंबर 1534 के रकबा 78 एकड़ के प्रस्तावित 10 एकड़ में कब्जा के लिए बनाएं गए चहारदीवारों को तोड़ना शुरु किया। तो नए चहारदीवारी के लिए जमीन पर काटे गए ट्रैंच को भी समतल किया गया। हालांकि इसी प्लाॅट पर कुछ मकान भी बने हुए थे। जिसे जमींदोज करने के लिए अब सदर सीओ के स्तर से नोटिस जारी करने की तैयारी की जा रही थी। तो एक मकान को गुरुवार को ही गिराया गया था। जांच के दौरान पचंबा के कई वैसे भूमाफियाओं के नाम सामने आएं। जो जांच के क्रम में अधिकारियों के समीप भी मौजूद थे। लेकिन एसडीएम के तल्ख तेवर के कारण उन भूमाफियाओं की चूं तक नहीं हिली। लेकिन उन भूमाफियाओं के खिलाफ पचंबा थाना में केस दर्ज किए जाने की प्रकिया शुरु करने का निर्देश एसडीएम द्वारा दिया गया। इसके बाद एसडीएम के निर्देश पर पूरे चहारदीवारी को जमींदोज कर दिया गया।