चैताडीह मातृत्व शिशु अस्पताल में करोड़ो खर्च होने के बाद भी मरीजों को नही मिल रही सुविधाएं
- बिजली गुल होने के बाद बंद हो जाते हैं पंखे, भीषण गर्मी के कारण प्रसूती महिलाओं को होती है परेशानी
- शिकायत के बाद भी नहीं दिया जा रहा है कोई ध्यान
गिरिडीह। गर्भवति महिलाओं को बेहतर इलाज देने के उद्देश्य से चैताडीह में करोड़ो की लागत से संचालित मातृत्व शिशु चिकित्सा अस्पताल का हाल बेहाल है। व्यवस्था के नाम पर सिर्फ मरीजो को ठगा जा रहा है। इलाज में जहां लापरवाही बरती जा रही है वहीं प्रसूती महिलाएं एवं उनके साथ आए परिजनों को बिजली कटौती के कारण पंखे बंद होने से भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार को जहां एक के बाद एक कर दो दो प्रकरण होने के कारण अस्पताल में सदर विधायक के साथ साथ सिविल सर्जन सहित अन्य विभागीय अधिकारी व पुलिस प्रशासन मौजूद थी। वहीं अस्पताल प्रबंधन के द्वारा सभी वार्ड के पंखे बंद रखे गए थे। जिसके कारण मरीजों के साथ साथ उनके परिजनों को भी उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ रहा था।
मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि अस्पताल में बिजली चले जाने के बाद घंटों तक महिला वार्ड सहित अन्य कमरों के पंखे बंद रहते है। जिससे प्रसूति महिलाओं के साथ-साथ उनके साथ मौजूद परिजनों को इस भीषण गर्मी में परेशानी का सामना करना पड़ता है। दिन के समय तो कभी कभी जेनरेटर चालू करवा दिया जाता है, जिससे थोड़ी राहत मिलती है। किंतु रात्रि में तो घंटो तक बिजली गुल होने एवं जेनरेटर चालू नहीं होने के कारण लोग भीषण गर्मी में तपते रहते हैं। बताया कि अगर अस्पताल कर्मियों से पंखे बंद होने की शिकायत की जाती है तो सोलर खराब रहने, बिजली मरम्मती होने आदि बहाने बनाए जाते हैं।
इधर मामले को लेकर सदर विधायक ने जेनरेटर ऑपरेटर को जमकर फटकार लगाई। हलांकि ऑपरेटर के द्वारा कहा गया इसमें भला वे क्या कर सकते है क्योंकि जब तक उन्हें ड्यूटी पर मौजूद अस्पताल कर्मी के द्वारा जेनरेटर चालू करने के लिए नही कहा जायेगा। तब तक वे चालू नही करेंगे।