गिरिडीह जेल से निकले नाइजीरिया के साइबर अपराधी को लेकर परेशान रही मुफ्फसिल थाना और जेल प्रशासन
गिरिडीहः
तीन सालों बाद साइबर ठगी के अपराधी और नाईजीरिया नागरिक एमबाउ हैनरी को गिरिडीह सेन्ट्रल जेल से जमानत पर रिहा किया गया। झारखंड हाई कोर्ट के सिंगल बैंच ने इस अपराधी को दो दिन पहले जमानत पर रिहा किया। लेकिन जमानत पर रिहा होने के बाद भी नाइजीरिया के इस साइबर अपराधी को दो दिनों तक हजारीबाग के डिटेंशन सेंटर और गिरिडीह मुफ्फसिल थाना के चक्कर लगाने पड़े। लेकिन शनिवार की शाम इस साइबर अपराधी को जेल पहुंचाने के बाद उसे जेल से ही उसके अधिवक्ता सूजीत सिंह को सौंप दिया गया। वहीं दो दिनों तक जेल प्रशासन और पुलिस इस साइबर अपराधी को रखा कहां जाएं, इसका फैसला ना तो जेल प्रशासन ही ले पा रहा था, और ना ही पुलिस। तो दुसरी तरफ इस साइबर अपराधी के बचाव पक्ष के अधिवक्ता सूजीत सिंह का आरोप है कि उसके मुवक्किल को बेवजह परेशान किया गया। जबकि नाईजीरिया के इस साइबर अपराधी को जब जेल प्रशासन हजारीबाग के डिटेंशन सेंटर के लिए रवाना की, तो आधे रास्ते ही उसे शुक्रवार की देर शाम मुफ्फसिल थाना लेकर पहुंची। इसके बाद सारी रात उसे थाना में रखा गया। तो दुसरे दिन शनिवार की शाम उसे मुफ्फसिल थाना प्रभारी के सुझाव पर दुबारा जेल पहुंचाया गया। जहां उसे उसके अधिवक्ता सूजीत सिंह को सौंप दिया गया। बताते चले कि इस साइबर अपराधी के खिलाफ चैंबर अध्या निर्मल झुनझूनवाला ने 80 लाख ठगी का केस तीन साल पहले दर्ज कराया था।