जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक सम्पन्न
सीडी रेशियो बढ़ाने का दिया गया निर्देश
कोडरमा। कोडरमा समाहरणालय सभागार में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक उप विकास आयुक्त आर रॉनिटा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वित्तिय वर्ष (2020-21) जिले में विभिन्न बैंकों के वार्षिक ऋण योजना की उपलब्धि, विभिन्न बैंकों के शाख-जमा अनुपात वृद्धि, केसीसी ऋण की उपलब्धि, पीएम किसान सम्मान निधि से संबंधित केसीसी ऋण की उपलब्धि, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम एवं प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, ऋण माफी योजना समेत कई बिन्दुओं पर विस्तृत रुप से चर्चा किया गया। जिला अग्रणी प्रबंध द्वारा बताया गया कि वित्तिय वर्ष 2020-21 मे वार्षिक ऋण योजना में दिसंबर 2020 तक उपलब्धि 24.16 प्रतिशत है तथा ऋण जमा अनुपात अथात् सीडी रेसियो 35.61 प्रतिशत है।
उप विकास आयुक्त ने सभी बैंकों के शाखा प्रबंधकों को निर्देश देते हुए कहा कि ऋण जमा अनुपात अथात् सीडी रेसियो बढ़ाना सुनिश्चित करे। इसके अतिरिक्त वार्षिक ऋण योजना की उपलब्धि दर बढ़कर 24.16 हुई परंतु ऋण जमा अनुपात में गिरावट दर्ज की गयी है, इसको इस वित्तिय वर्ष के अंत तक बढ़ाने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत लक्ष्य 77 के विरुध 45 लाभुकों के बीच ऋण की स्वीकृति हुई है। उप विकास आयुक्त ने सभी बैंकों को 2-2 लाभुकों के बीच ऋण देकर लक्ष्य को पूरा करने की बात कही। उप विकास आयुक्त ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की समीक्षा कर सभी बैंकों निर्देशित किया कि इस योजना हेतु जितने भी आवेदन बैंक को प्राप्त होते हैं, उन आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए ऋण मुहैया कराएं।
नाबार्ड के द्वारा बैंकों का विभिन्न योजनाओं पर सेंसेटाइजेशन मीट का आयोजन किया गया। जिसमें केंद्र व राज्य सरकार की संचालित योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की गयी। डीडीएम नाबार्ड के द्वारा बताया गया कि एग्रीकल्चर इंन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत वित्तिय सुविधा के बारे में जानकारी दिये। इसके अतिरिक्त उप विकास आयुक्त आर रॉनिटा ने वित्तिय वर्ष 2020-21 के दिसंबर त्रैमासिक (तृतीय) जिला स्तरीय आरसेटी परामर्शदात्री समिति की बैठक कर आसेटी के द्वारा किये जा रहे कार्यों की समीक्षा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस मौके पर डीआरडीए निदेशक नेलसम एयोन बागे, रिवर्ज बैंक के प्रतिनिधि, जिला अग्रणी प्रबंधक महेश प्रसाद, डीडीएम नाबार्ड हरिदत्त पोद्दार व सभी बैंकों के शाखा प्रबंधक मौजूद थे।