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बाल चाौपाल में शामिल हुए डीसी समेत कई पदाधिकारी, बच्चों के अभिभावकों ने सुनाया बाल तस्करी की आपबीती

गिरिडीहः
तिसरी पहुंचे गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकडा ने शनिवार को कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन और आरपीएफ के संयुक्त अभियान में शामिल हुए। प्लस टू हाई स्कूल में आयोजित बाल श्रम और दुर्व्यवहार बाल चाौपाल कार्यक्रम के दौरान डीसी समेत कई अधिकारियों के मौजदूगी में कई स्थानीय बच्चे शामिल हुए। मौके पर कुछ बच्चों ने बाल तस्करी का मुद्दा भी उठाया। भेलवाघाटी की मनीषा कुमारी ने कहा कि उसकी भतीजी को दलाल काम दिलाने के नाम पर दिल्ली ले गए थे। जहां बच्ची को बेंच तक दिया गया था। जब मामले की जानकारी थाना को दिया गया, तो थाना से सहयोग मिलने के बजाय उल्टा डरा कर लौटा दिया गया। मनीषा ने अपने सुझाव साझा करते हुए कहा कि हिम्मत कर वो खुद ही अपनी भतीजी को दलालों के चंगुल से लेकर वहां आई। कुछ ऐसी ही कहानी तिसरी के ही महेश मुर्मु ने डीसी के सुनाया, और कहा कि दलाल उसकी नाबालिग बहन को पैसे का प्रलोभन देकर राजस्थान के जयपुर ले गए थे। जहां उसकी बहन को पहले किसी सेठ के यहां साफ-सफाई के लिए लगाया गया। इसके बाद उसकी बहन को जयपुर में बेंचा जाना था। लेकिन मामले में कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन और चाईल्ड लाईन ने पूरा सहयोग किया। और दोनों के प्रयास से उसकी बहन वापस तिसरी लौटी।


इस दौरान कई पीड़ितो की कहानी सुनने के बाद डीसी ने मौजूद बच्चों और उनके अभिभावकों को भरोषा दिलाया कि अब तिसरी के बच्चों को कोई दलाल कहीं नहीं लेकर जाएगा। बल्कि, एक-एक बच्चों की सुरक्षा होगी। लेकिन इसके लिए अभिभावकों को भी सहयोग करना होगा। मौके पर कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन और चाईल्ड लाईन के सदस्यों ने डीसी को बताया कि दलालों से बचाने के लिए ही तिसरी में अब नामांकन का दायरा बढ़ाया जा रहा है। आरपीएफ और कैलाश सत्यार्थी फांउडेशन के बाल चाौपाल कार्यक्रम में डीडीसी शशिभूषण मेहरा, बीडिओ संतोष प्रजापति, सीओ असीम बारा समेत सांसद प्रतिनिधी मनोज यादव के साथ नीति आयोग की सदस्य अंजली कुमारी और तिसरी के कई बाल मित्र भी शामिल हुए।

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