स्थानीय व राष्ट्रीय मुद्दों को लेकर बेंगाबाद में भी माले ने किया एक दिवसीय उपवास
- विरोध की आवाज दबाने के लिए मोदी सरकार करा रही है जासूसी: राजेश यादव
- स्थानीय मुद्दों को लेकर प्रशासन व राज्य सरकार को घेरा
गिरिडीह। संविधान के खिलाफ साजिश बंद करने, पेगासस जासूसी कांड की न्यायिक जांच करने, किसान विरोधी तीनों काले कानून वापस लेने सहित स्थानीय मुद्दों को लेकर बेंगाबाद में भी माले प्रखंड कमेटी की ओर से एक दिवसीय सामूहिक उपवास दिया गया। कार्यक्रम की अगुवाई करते हुए प्रखंड सचिव शिवनंदन यादव तथा राजेंद्र मंडल ने संयुक्त रूप से कहा कि, मोदी सरकार भारत के संविधान की मूल भावना ही खत्म कर देना चाहती है। सरकार अपने विरोध में उठने वाली हर आवाज को दबा देना चाहती है। इसलिए पेगासस जासूसी कांड जैसे हथकंडे अपना रही है। लेकिन हिंदूस्तान की लोकतंत्र पसंद जनता फासीवादी मोदी सरकार की हर साजिश नाकाम करेगी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पार्टी के राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार यादव ने कहा कि, मोदी सरकार ने किसानों के खिलाफ तीनों काले कानून लाने तथा मजदूरों के खिलाफ श्रम कानूनों में संशोधन करके अपना इरादा जता दिया है कि उसकी प्राथमिकता में इस देश के किसान मजदूर नहीं बल्कि कॉरपोरेट हैं। मोदी सरकार इस देश के लोकतंत्र और संविधान की मूल भावना को खत्म कर देने पर आमादा है। पेगासस जासूसी कांड ने सरकार की इस भावना को और भी ज्यादा उजागर कर दिया है। इस मामले में सरकार निष्पक्ष जांच से भाग रही है। कहा कि माले इसे लेकर न्यायिक जांच की मांग करती हैं, साथ ही गृह मंत्री अमित शाह से तत्काल इस्तीफे की मांग भी करती है।
इस दौरान उन्होंने स्थानीय मुद्दों पर जिला प्रशासन व राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि गरीबों की समस्याएं दिनों दिन विकराल होते जा रहे हैं। परन्तु, मौजूदा शासन को भी इसकी कोई फिक्र नहीं। गरीबों के राशन के धड़ल्ले से चोरी की जा रही है। कच्चे मकानों में रह रहे वैसे गरीब, जो लंबे अरसे तक गरीबों को मिलने वाले पक्के आवास से वंचित रहे, उन्हें इस बार भी प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना से वंचित कर दिया गया है। अंचल स्तर की मनमानी और रिश्वतखोरी ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। थाना पुलिस भी आम लोगों को नही बख्स रही है।
उपवास कार्यक्रम में रामलाल मंडल, फ़ोदार सिंह, शंभू ठाकुर, सुखदेव गोस्वामी, सुनील कुमार राय, कमरुद्दीन अंसारी, बड़का हेंब्रम, महेंद्र साव, भुदाली पंडित, कादिर अंसारी, दिलीप किस्कू, छोटेलाल हेंब्रम आदि मौजूद थे।