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माइका खदान हादसे के मुख्य आरोपी कारु बरनवाल को लोकायनयनपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार, चार आरोपी फरार

खदान हादसे से एक सप्ताह पहले ही दुसरे फरार आरोपी पिंटू ने निकाला था 10 लाख का अवैध माइका

10 लाख के स्टाॅक को किया था कोडरमा और गिरिडीह के कारखानों में आपूर्ति

गिरिडीहः
सकसेकिया जंगल के रखवा के अवैध माइका खदान के मुख्य आरोपी कारु बरनवाल को तिसरी के लोकायनयनपुर थाना पुलिस गिरफ्तार करने में सफल रही। आरोपी कारु बरनवाल को पुलिस ने इलाके के गोल्डेन फ्यूचर पब्लिक स्कूल से शनिवार की देर रात गिरफ्तार किया। वहीं चार और आरोपी शैलेन्द्र बरनवाल, पिंटू बरनवाल, मुन्ना बरनवाल समेत एक अन्य अब भी फरार है। लोकायनयनपुर थाना पुलिस फरार इन चारों आरोपियों को दबोचने के लिए संभावित इलाकों में छापेमारी कर रही है। गिरिडीह के तिसरी प्रखंड के लोकायनयनपुर थाना पुलिस की मानें तो सकसेकिया जंगल में संचालित अवैध माइका खदान का संचालक कारु बरनवाल ही था। लेकिन कारु बरनवाल को इस खदान के संचालन का बैकअॅप पिंटू, शैलेन्द्र और मुन्ना समेत चारों से मिल रहा था। पिछले दो मार्च को इस खदान से अवैध माइका का उत्खन्न करने के लिए करीब दर्जन भर मजदूर कारु और पिंटू बरनवाल के इशारे में ही उतरे थे। अवैध उत्खन्न करने के दौरान तिसरो के रंजीत राय समेत दो मजदूरों की मौत हो गई थी। दोनों मजदूरों की मौत के बाद वन विभाग के साथ लोकायनयनपुर थाना पुलिस की नींद टूटी। तो प्रशासन भी हरकत में आया। और तीसरे दिन देवघर से एनडीआरपीएफ की टीम को घटनास्थल भेजा गया। लेकिन चार घंटे के प्रयास के बाद भी मजदूरों के शव को बाहर नहीं निकाला गया। इसके बाद डीसी राहुल सिन्हा के निर्देश पर इस खदान को तो बंद कर दिया गया था।


लेकिन दोनों मजदूरों की मौत के बाद वन विभाग व स्थानीय प्रशासन पर कई सवाल भी खड़े कर दिए थे। क्योंकि सकसेकिया जंगल का यह रखवा माइका खदान पिछले 10 सालों से संचालित था। तो दुसरी तरफ वन विभाग भी चल रहे इस अवैध माइका के संचालन के प्रति चुप था। पुलिस सूत्रों की मानें तो दो मार्च को हुए घटना से करीब सप्ताह दिन पहले ही फरार आरोपी पिंटू बरनवाल इस खदान से करीब 10 लाख का अवैध माइका निकाला था। खदान से माइका निकालने के बाद आरोपी ने कारु समेत अन्य पार्टनर के सहयोग से कुछ स्टाॅक इन लोगों ने कोडरमा तो काफी स्टाॅक गिरिडीह के माइका कारखानों में भेजा भी था। आरोपी पिंटू के साथ कुछ और भी मजदूर इस खदान के भीतर घुसे थे। इस सफलता के सप्ताह दिन बाद यह घटना हुई।

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