महिमा ने यूपीएससी के भारतीय इंजीनियरिंग सेवा में 38वां रैंक लाकर किया नाम रौशन
- परिजनों के साथ बीएनएसडीएवी के प्राचार्य व शिक्षक महसूस कर रहे है गौरवान्वित
- बीएनएसडीएवी से महिला ने की थी 10वीं व 12वीं का पढ़ाई
गिरिडीह। गिरिडीह के बीएनएस डीएवी की छात्रा महिमा लोहानी ने यूपीएसी से भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के साल 2021 के एग्जाम में नेशनल लेबल पर 38वां रैंक हासिल कर गिरिउीह का नाम रौशन किया है। गिरिडीह के स्टील कारोबारी बिनोद लोहानी और गृहिणी ममता लोहानी की बेटी महिमा के इस उपलब्धि पर बीएनएस डीएवी स्कूल प्रबंधन ने खुशी जाहिर करने के साथ ही गर्व भी जताया है। वहीं दूसरी तरफ महिमा के भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के एग्जाम में राष्ट्रीय स्तर पर 38वां रेंक हासिल करने पर माता पिता के साथ रिश्तेदार और उसके करीबी भी खुशी से फूले नहीं समा रहे।
महिमा के इस उपलब्धि पर स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों ने महिमा का मेहनत ही बताया है क्योंकि डीएवी में पढ़ाई करते हुए महिमा ने पूरे स्कूल में 10वीं के एग्जाम में 92.6 प्रतिशत अंक लाई थी। 12वीं के एग्जाम में महिमा ने 95.6 अंक हासिल कर सीबीएसई के गिरिडीह जिला टॉपर रही थी। स्कूल में इतने बेहतर परिणाम आने के बाद ही प्रिंसिपल डॉ. पी हाजरा ने उसके माता पिता से कहा था कि उनकी बेटी वक्त आने पर एक मुकाम हासिल करेगी। डीएवी से पढ़ाई करने के बाद महिमा धनबाद के सिंदरी बीआईटी से पढ़ाई की और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड में सहायक अभियंता पद पर नौकरी हासिल की। इसके बाद भी महिमा ने पढ़ाई जारी रखा और यूपीएससी से भारतीय इंजीनियरिंग सेवा की पढ़ाई कर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा के एग्जाम में राष्ट्रीय स्तर पर 38वां रैंक हासिल किया।
इधर महिमा के साथ बीएनएस डीएवी के प्रिंसिपल डॉ. हाजरा का भी मानना है कि भारतीय इंजीनियरिंग सेवा की पढ़ाई बेहद जटिल है। हर स्टूडेंट इसमें कामयाबी हासिल नहीं कर सकता। लेकिन महिमा ने वो कर दिखाया। जिसकी उम्मीद भी नही थी। महिमा के इस उपलब्धि ने ये भी जाहिर कर दिया है कि मन में लग्न हो तो सफलता हासिल की जा सकती है।