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भाई और बहन के साथ एकांतवास से निकले भगवान कृष्ण, पहुंचे गिडिीह के छोटकी दुर्गा मंडप मौसीबाड़ी

गिरिडीहः
10 दिनों के एकांतवास के बाद 11वें दिन शुक्रवार को तीनों भाई-बहन भगवान कृष्ण, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के रथ यात्रा का आयोजन शुक्रवार को गिरिडीह में भी धूमधाम से किया गया। शहर के सीएमआर रोड स्थित पुरातन शिवालय के साथ न्यू बरगंडा रोड स्थित श्री श्री शारदेशवरी आश्रम में ही भक्तों ने भगवान कृष्ण, बहन सुभ्रदा और भाई बलभद्र का रथ खींचा। शारदेशवरी आश्रम में जहां छोटे से रथ में तीनों के विग्रह की सजावट कर रखा गया। और श्रद्धालुओं ने आस्था के साथ तीनों भाई-बहनों के इस रथ को खींचा। जबकि पुरातन शिवालय में रथ के बजाय तीनों भाई-बहनों के विग्रह को भक्तों ने अपने सिर पर धारण कर शिवालय से बाहर निकले। और गांधी चाौक स्थित छोटकी दुर्गा मंडप पहुंचे। जहां आरती के बाद तीनों के विग्रह को दुर्गा मंडप मंे रखा गया। जिसे मौसीबाड़ी का स्वरुप दिया गया था।

इसे पहले पुरातन शिवालय में ही विधी-विधान के साथ तीनों भाई-बहनों के विग्रह की पूजा-अर्चना हुई। पुजारी सतीश मिश्रा के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच तीनों के विग्रह की पूजा-अर्चना हुई। मौके पर कई श्रद्धालु पूजा-अर्चना में शामिल हुए। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए पूजा-अर्चना के दौरान भगवा कृष्ण, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र में हर एक श्रद्धालु भी आस्था मंे डूबा दिखा। पूजा-अर्चना के बाद ही आरती हुई। जबकि भोग अर्पित किए गए। तो श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर दीपक यादव, राजेन्द्र लाल बरनवाल, सुशील सुराना, मनोज चाौधरी समेत कई श्रद्धालु शामिल हुए।

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