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किसान सभा ने कृषि कानून की प्रतियां जलाकर किया विरोध प्रदर्शन

कोडरमा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के बैनर तले शनिवार को कुशाहना, मेघातरी में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर किया विरोध प्रदर्शन किया गया। केन्द्र सरकार के द्वारा विगत 5 जून 2020 को अध्यादेश जारी कर कृषि कानून को लागू किया गया था। इन तीन कृषि कानूनों को वापस लिये जाने और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी की मांग को लेकर देशभर के लाखों किसान पिछले 26 नंवबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं।

औने पौने दामों में फसल बेचने को मजबूर होंगे किसान

इस अवसर पर झारखंड राज्य किसान सभा (एआईकेएस) के नेता असीम सरकार ने कहा कि 5 जून 1974 को जयप्रकाश नारायण ने संपूर्ण क्रांति की घोषणा की थी और तत्कालीन केंद्र सरकार के खिलाफ जनांदोलन शुरू किया था। उन्होंने कहा कि कृषि कानून के माध्यम से निजी कंपनियों के हाथों कृषि मंडियों को सौंपा जा रहा है, जिस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रहेगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी नहीं होने से आने वाले दिनों में बड़े व्यापारियों का उपज पर कब्जा हो जायेगा और औने पौने दाम मे किसान की फसल खरीदेंगे। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग से किसानों की जमीन छिन ली जाएंगी। जनविरोधी सरकार के खिलाफ देश में एक नई क्रांति की जरूरत है। वहीं सीटू नेता संजय पासवान ने कहा कि देश में जो किसान आंदोलन चल रहा है, उसका लेना देना इस देश के 135 करोड़ लोगों के पेट से है, दिल्ली की सड़कों पर मजदूर, नौजवान, महिलाएं, डॉक्टर, छात्र, कलाकार सब के सब किसान आंदोलन में शामिल हैं, देश का किसान बचेगा तभी देश बचेगा। किसान पूरी ताकत के साथ लड़कर और हर कुर्बानी देकर इस लड़ाई को जीतेगा। कॉमरेड ग्यासुद्दीन अंसारी की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में भीखारी तुरी, कन्हाई सिंह, राजेश भुइयां, शिवनंदन कुमार, कारू भुइयां, टिंकु भुइयां आदि शामिल थे।

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