जय श्रीराम का नारा लगाने वाले एहसान फरामोश, गद्दार और उग्र धर्मांध : ममता
प्रधानमंत्री के सामने मुझे जिन्होंने चिढ़ाया उससे बदला लूंगी
कोलकाता। हुगली जिला के फुरसुरा से सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हुंकार भरी। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर विक्टोरिया मेमोरियल में मेरे साथ जो हुआ, मैं उसका बदला लूंगी। सुश्री बनर्जी ने जय श्रीराम का नारा लगाने वालों को एहसान फरामोश, गद्दार और उग्र धर्मांध करार देते हुए कहा कि समारोह में यदि वहां मौजूद लोगों ने नेताजी, नेताजी के नारे लगाये होते, तो वह उन लोगों को सलाम करतीं। लेकिन, उन लोगों ने जो किया, उसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
ममता बनर्जी ने कहा है कि वहां मौजूद लोगों ने मुझे उकसाया है। उन लोगों की इतनी हिम्मत हो गयी कि प्रधानमंत्री के सामने बैठकर मुझे चिढ़ाया। वे लोग मुझे जानते नहीं है। कोई अगर मुझसे कहे कि मेरे घर का बर्तन मांज दो, मैं उसके घर जाकर बर्तन मांज दूंगी। बर्तन मांजना बेटियों का काम है। मेरा भी काम है। लड़कों का भी काम है। मुझे घर का काम करना अच्छा लगता है। मगर, वे मुझे बंदूक दिखाएंगे तो मैं उन्हें बंदूक का सिंदूक दिखाऊंगी। जो मेरे साथ हुआ मैं उसका बदला लेकर रहूंगी। तृणमूल सुप्रीमो ने कहा कि बंदूक में उनका विश्वास नहीं है। वह राजनीति में विश्वास करती हैं। वह बंगाल व नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अपमान का बदला राजनीतिक रूप से लेंगी।
उन्होंने भाजपा पर बंगाल के महापुरुषों को अपमानित करने का आरोप भी लगाया। कहा कि उन लोगों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का अपमान किया है। रवींद्रनाथ टैगोर को अपमानित किया है। ईश्वर चंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को खंडित किया। बिरसा मुंडा की जगह किसी और की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दिया। देश भर में दलितों का अपमान किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि जिस वक्त पूरी दुनिया वैश्विक महामारी कोरोना से जूझ रही थी, उस वक्त उन लोगों ने दिल्ली में दंगे करवाये।