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जैन समाज के द्वारा क्षमावाणी महापर्व मनाया गया

  • समाज के लोगों ने एक दूसरे अपनी गलतियों के लिए की क्षमा याचना
  • किशोर जैन पांड्या और सुशील जैन छाबड़ा के दोस्ती के 50 वर्ष पूर्ण होने पर हुआ संगीतमय

कोडरमा। श्री दिगंबर जैन समाज के द्वारा स्टेशन रोड बड़ा मंदिर में रात्रि में क्षमावाणी का महा पर्व मनाया गया। इस पर्व में समाज के सभी महिलाएं, पुरुष, बच्चों ने आपस में एक दूसरे से अपनी गलतियों की क्षमा याचना की एक दूसरे से गले लगाकर वर्ष भर में किए गए किसी भी गिले-शिकवे को दूर किया। जैन साध्वी शिक्षा मति माताजी ने कहा कि क्षमा ही एक ऐसा धर्म है जिससे परिवार, समाज और राष्ट्र सुरक्षित और शांतिमय रह सकता है। पूरे विश्व को इस धर्म को अपनाने की आवश्यकता है


दस दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के समापन के बाद सभी परियोजना निर्देशक को पुरस्कार समाज के श्रेष्ठी किशोर जैन पांड्या दिल्ली, झुमरीतिलैया और सुशील छाबड़ा परिवार के द्वारा दिया गया समाज के अध्यक्ष विमल जैन बड़जात्या, मंत्री ललित जैन सेठी, चतुर्मास कमेटी के संयोजक नरेंद्र झाझंरी और सभी सह संयोजक ने लोगों को सम्मानित किया और पुरस्कृत किया।


व्रतियों के द्वारा समाज के लोगों के लिए वात्सल्य भोजन की भी व्यवस्था की गई थी। भगवान के शांति धारा के लॉन्ग की माला पहनने का सम्मान किशोर जैन पांड्या और सुशील जैन छाबड़ा परिवार को मिला। समाज के पदाधिकारियों के द्वारा तिलक लगाकर, मुकुट पहनाकर उनका सम्मान किया गया और गाजे-बाजे के साथ जैन भवन पहुंचाया गया। जैन भवन मंे किशोर जैन पांड्या और सुशील जैन छाबड़ा के दोस्ती के 50 वर्ष पूर्ण होने पर संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को लकी ड्रॉ के रूप में आकर्षक उपहार भी दोनों मित्रों के द्वारा दिया गया।


समाज के अध्यक्ष ने कहा कि सुख और दुख दोनों समय में जो मित्र काम आए। ऐसी दोस्ती ही प्रेरणादायक होती है। जैन समाज को आप दोनों पर गर्व है। आप हमारे समाज के गौरव हैं आप दोनों हमेशा जनसेवा और समाज सेवा के कार्य में लगे रहते हैं। समाज को आज ऐसे ही लोगों की आवश्यकता है।

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