LatestNewsTOP STORIESकोडरमागिरिडीहझारखण्डराँची

कोरोना महामारी की शिकार हुई डुमरी की मुस्कान का हौसला बढ़ाने के बजाय गिरिडीह शिक्षा विभाग तोड़ रहा है उसका हौसला

कस्तूरबा बालिका विद्यालय में एडमिशन नहीं होने से परेशान है मुस्कान

गिरिडीहः
मंद पड़ते कोरोना महामारी ने एक बार फिर जीवन के रफ्तार को तेज कर दिया है। और इसी महामारी को देखते हुए सरकारों ने कई फैसले भी लिए थे। लेकिन हालात समान्य होने के बाद अब सरकार खुद और प्रशासन खुद भी उन फैसलों को गंभीरता से नहीं ले रही। इसकी बानगी है गिरिडीह का शिक्षा विभाग। और शिक्षा विभाग के एक मामूली लापरवाही के कारण महामारी की शिकार हुई बच्ची मुस्कान कुमारी का हौसला बढ़ाने के बजाय उसका हौसला अब धीरे-धीरे टूट रहा। बच्ची का नाम मुस्कान भले ही हो। लेकिन शिक्षा विभाग के करतूत के कारण उसका हौसला तो टूट ही रहा है। उसकी मुस्कान भी मंद पड़ने लगी है। क्योंकि डुमरी के कस्तूरबा बालिका विद्यालय में एडमिशन नहीं होने के कारण मुस्कान हर रोज परेशान हो कर स्कूल के चक्कर काट रही है। यहां तक कि उसकी मां सरस्वती देवी ने डीसी को भी आवेदन सौंप कर बेटी के एडमिशन की गुहार लगा चुकी है। लेकिन कहीं कोई सुनवाई अब तक नहीं हो पाया है। जबकि मुस्कान के पिता की मौत का कारण भी यही कोरोना महामारी ही बना था। पति की मौत के कुछ महीनों बाद से मुस्कान और उसकी मां सरस्वती देवी का पालन-पोषण भी मुश्किलों से हो रहा है। लिहाजा, मां ने यह सोच कर डुमरी के कस्तूरबा बालिका आवसीय विद्यालय में कक्षा आठ में बेटी के एडमिशन का फार्म जमा की। बेटी कुछ पढ़ाई कर लेगी, तो जीने का सहारा मजबूूत होगा। लेकिन कई महीनें बीत चुके है। और अब तक उनकी बेटी मुस्कान का एडमिशन तो दूर, एडमिशन लिस्ट में नाम तक नहीं आ पाया है। ऐसे में हर रोज मां-बेटी पिछले कई दिनों से शिक्षा विभाग के चक्कर लगाकर थक चुकी है। लेकिन शिक्षा विभाग के हालात देख मां ने डीसी से गुहार लगाई। और आवेदन सौंप कर बेटी के एडमिशन की अपील किया। लेकिन डीसी स्तर पर फिलहाल कोई पहल अब तक नहीं हो पाया है।

Please follow and like us:
Show Buttons
Hide Buttons