चाराडीह स्थित झुमरी तालाब के अस्तित्व को बचाने की पहल हुई शुरू
- लोगों ने जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता का किया अभिनंदन
- एनएच द्वारा चाराडीह स्थित झुमरी तालाब के अस्तित्व को किया जा रहा था नष्ट
कोडरमा। एनएच के द्वारा कोडरमा के चाराडीह में स्थित तालाब को भरे जाने से नाराज स्थानीय लोगों ने जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता से मुलाकात आवेदन देकर तालाब को बचाने की गुहार लगाई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता ने एनएच पदाधिकारियों के साथ संबंधित अधिकारियों से बात कर तालाब के अस्तित्व से खिलवाड़ नही करने की बात कही। जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता के प्रयास के बाद संबंधित अधिकारियों के द्वारा तालाब के अस्तित्व को बचाने की पहल शुरू कर दी गई है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों द्वारा शुक्रवार को जिला परिषद प्रधान शालिनी गुप्ता का अभिनंदन किया गया।
मौके पर उन्होंने कहा कि दिन प्रतिदिन पानी की समस्या गंभीर होती जा रही है। पेयजल के साथ-साथ खेती बाड़ी के लिए पुराने स्रोतों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ सप्ताह पूर्व कोडरमा के चाराडीह और अगल बगल गांवों के ग्रामीण मुझे आकर मिले थे। राष्ट्रीय राजमार्ग के बगल में स्थित झुमरी तालाब कोडरमा और झुमरीतिलैया के आमजनों के आस्था से जुड़ा है, क्योंकि खेती के साथ-साथ यहां लोग छठ पूजा में एकत्रित होते है। यहाँ का सौंदर्यीकरण और कुछ मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करने से यह स्थान कोडरमा और झुमरीतिलैया वासियों को बच्चों, परिवार के साथ समय बिताने की अच्छी जगह बन सकती है।
एनएच के संवेदक द्वारा अलकतरा युक्त मिट्टी से तालाब को भरकर उस तालाब के पानी को दूषित कर लोगों के भावनाओं को भी ठेस पहुंचायी जा रही है। तालाब की अधिग्रहित भूमि से ज्यादा तालाब में मिट्टी भरकर नियमों का उल्लंघन भी किया गया है। एनएच को अधिग्रहण के अनुसार कार्य करना चाहिए। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को तालाब को बचाने एवं जीर्णोद्धार करने का कार्य करना चाहिए, न कि तालाब के अस्तित्व को मिटाने का प्रयास करना चाहिए। सभी लोगों के साथ जिले के एनएच पदाधिकारियों, संवेदक को इस जनभावना से अवगत कराया है। तालाब सफाई और अधिग्रहित जमीन की मापी का निर्देश देकर पदाधिकारियों ने देर से सही लेकिन कुछ हद तक जनभावनाओं एवं नियमों का सम्मान किया है।