हत्या के 15 साल पुराने मामले में गिरिडीह के थर्ड एडीजे के कोर्ट ने सात आरोपियों को सुनाया आजीवन कारावास की सजाए 10.10 हजार का लगाया जुर्माना 22 को पहले हो चुका है सजा
गिरिडीहः
पुरानी रंजिश को लेकर हुए हत्या के 15 साल पुराने मामले में गिरिडीह के तृतीय अपर जिला एंव सत्र न्यायधीश सौमेन्द्र नाथ सिकदर के कोर्ट ने सात आरोपियो को मंगलवार को हत्या की धारा 302 में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ 10.10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जबकि धारा 148 में एक.एक साल की सजा और 10.10 हजार का जुर्माना लगाया है। वहीं बचाव पक्ष के तीन अधिवक्ताओं के दलीलों के बीच थर्ड एडीजे के कोर्ट ने अपर लोक अभियोजक के दलील को आधार बनाते हुए सातों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया। जिसमें जिले के बेंगाबाद थाना क्षेत्र के छोटकी खरगडीह गांव निवासी इब्राहिम अंसारीए अनवर अंसारीए सोमर मिंयाए बुटु मिंयाए श्मसुद्दीन अंसारीए मिस्टर मियां और सब्बन मिंया शामिल है। इसी मामले में 10 और आरोपी को लेकर कोर्ट अब भी बहस चल रहा है। तो 22 आरोपियों को कुछ साल पहले ही फास्ट ट्रैक कोर्ट में सजा सुनाया जा चुका है। जिसमें 5 आरोपियों को पहले सुनाया गया था। तो 17 आरोपी को छह साल पहले सजा हो चुका था। वहीं अब न्यायलय द्वारा इन 10 आरोपियों पर भी जल्द ही बहस की प्रकिया को पूरा कर सकता है।
जानकारी के अनुसार गिरिडीह के बेंगाबाद थाना इलाके के छोटकी खरगडीहा गांव के करीब 32 आरोपी साल 2009 के 10 जनवरी के दिन बेंगाबाद के चुंगलो सोती गांव पहुंच कर उसी गांव के हैदर अंसारी के घर को घेर लिया था। इस दौरान सारे आरोपियों ने हैदर अंसारी के घर को घेरते हुए उसे जब बाहर निकलने को कहाए तो मृतक हैदर की बहन आमना खातून घर से बाहर निकली। इस दौरान कुछ आरोपी घर के भीतर घुसेए और हैदर अंसारी को खींच कर बाहर निकाला। आरोपियों के हाथ में रॉड और धारदार हथियार देखकर मृतक हैदर अंसारी किसी तरह उनके चंगुल से निकल कर जान बचाकर भागने लगा।