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पुलवामा में शहीद हुए जवान अजय का पार्थिव शरीर पहुंचा देवरी, उमड़ी भीड़

  • भारत माता के जयकारे और शहीद जवान अजय राय अमर रहे से गूंजा देवरी
  • बड़े भाई ने दी मुखाग्नि, वृद्ध पिता और पत्नी के रोके नही रूक रहे आंसू

गिरिडीह। पुलवामा के अवंतिपुरा में आतंकियों और सुरक्षा बलो के मुठभेड़ में शहीद हुए गिरिडीह के देवरी के ढेंगाड़ीह के 28 साल के शहीद जवान अजय राय का शव जम्मू कश्मीर से वायु सेना के हेलीकॉप्टर से रविवार की सुबह रांची हवाई अड्डा पहुंची। जहां से शहीद जवान के पार्थिव शरीर को रांची सीआरपीएफ 135 बटालियन के असिस्टेंट कमांडेंट सुभाष चन्द्र के नेतृत्व में सेना की गाड़ी से गिरिडीह के देवरी के लिए रवाना हुआ और रांची से गिरिडीह आने के क्रम में भारत माता के इस वीर सपूत का पार्थिव शरीर जब बगोदर से गुजरते हुए जमुआ पहुंची, तो हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने शहीद अजय के पार्थिव शरीर के साथ देवरी के लिए चल पड़े। हर युवक के हाथ में तिरंगा और भारत माता के जयकारे से पूरा रास्ता गूंजता रहा। एक तरफ असमय जवान अजय राय को खोने का गम, तो दूसरी तरफ भारत माता की रक्षा के लिए शहीद हुए सीआरपीएफ जवान अजय राय का गर्व दोनों ही पूरे देवरी को जोश से भी भरे हुए था।

लिहाजा, जिस किसी ने भी सुना की देवरी का वीर सपूत का पार्थिव शरीर आ रहा है, वही देवरी के ढेंगाडीह गांव की ओर चल पड़ा। इस दौरान सीआरपीएफ के जवानों ने रिवाज के बीच तिरंगे में लिपटे उनके पार्थिव शरीर को कांधा देते हुए वाहन से नीचे उतारा और घर तक पहुंचाया। इस दौरान शहीद अजय के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन और श्रद्धांजलि देने के लिए केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, जमुआ विधायक केदार हाजरा, गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा, एसडीपीओ मुकेश महतो, चुन्नूकांत, नुनूलाल मरांडी, भाजपा नेता दिनेश यादव समेत कई नेता और अधिकारी पहुंचे हुए थे।

इधर शहीद अजय का पार्थिव शरीर के गांव में प्रवेश करते ही भारत माता के जयकारे से पूरा गांव गुंजायमान हो गया। घर पहुंचने पर जवान बेटे का शव जब पिता राजेंद्र राय ने देखा तो वो बेटे के शव से लिपट कर रोने लगे। वहीं शहीद अजय की पत्नी करिश्मा कुमारी के आंख के आंसू सुख चुके थे, वो एकटक अपने पति को निहारे जा रही थी। इस दौरान जवान अजय की पत्नी करिश्मा और पिता को हिम्मत देने खुद केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा और सहायक कमांडेंट सुभाष चन्द्र आगे आए, और दोनों को हिम्मत दी। कुछ देर के बाद शहीद जवान की अंतिम यात्रा शुरू हुई, और गांव के मुक्तिधाम में उनके पार्थिव शरीर को उनके बड़े भाई मनोज राय ने मुखाग्नि दी।

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