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जमुआ में हुआ खरीफ कर्मशाला का आयोजन, प्रतिनिधियों ने सरकार की मंशा पर उठाये सवाल

  • बीज खाद एवं कृषि यंत्र कृषकों को उपलब्ध कराने में रहा विफल

गिरिडीह। जिले के जमुआ प्रखंड के सभागार में गुरुवार को खरीफ कर्मशाला का आयोजन किया गया। सभागार में सुखाढ़ की स्थिति का जायजा लेने आयी रांची की टीम ने कर्मशाला में बतलाया कि जमुआ में 32 गांवो का रैंडम मुआयना करना है। इसके बाद उसका प्रतिवेदन सरकार को भेजना है। कर्मशाला में प्रमुख प्रतिनिधि संजीत यादव ने कहा कि कृषि पशुपालन, मत्स्य, सहकारिता एवं नाबार्ड के बीच समन्वय का अभाव है। कहा कि एफपीओ को भौगोलिक स्थिति के अनुसार बनाना होगा। कहा कि प्रतिनिधियों की देख रेख और अनुशंसा पर एफपीओ बने। कहा कि सभी पेक्सो को विभाग एक्टिवेट करे। सभी को धान क्रय केंद्र के रूप में चिन्हित करें। उप प्रमुख रब्बुल हसन रब्बानी ने कृषि उपकरणों के वितरण में पारदर्शिता की मांग की। वहीं जीप सदस्य सजंय हजरा ने कहा कि प्रगतिशील कृषकों को आगे बढ़ाना है।

कर्मशाला में प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार गोस्वामी, प्रतापपुर के पंसस मो. अब्दुल गफ्फार अंसारी, धुरैता के पंसस अंजन सिन्हा, पंसस प्रतिनिधि पंकज यादव, पूर्व मुखिया ओमप्रकाश महतो, पूर्व पंसस सूरज नारायण देव, रामानन्द सिंह, भाजपा किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष परमेश्वर यादव, कृषक मित्र बद्री यादव, मो. अल्लाउद्दीन अंसारी, पवन शर्मा, जेएसएलपीएस के बीपीएम शिव बहादुर यादव, समन्वयक रामकिशोर यादव, कृषक नेता लक्ष्मण महतो प्रज्ञा केंद्र पोबी के संचालक सह सामाजिक कार्यकर्ता योगेश कुमार पांडेय, भामस के जिलाध्यक्ष रूपलाल रविदास सहित अन्य अपने अपने विचार व्यक्त किये।

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