पहचान छीपाकर यौन शोषण व धोखाधड़ी के मामले में आरोपी का आजीवन कारावास की हुई सजा
- न्यायलय के एडीजे आठ सह पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने सुनाई सजा, 15 हजार रूपये लगाया जुर्माना
गिरिडीह। गिरिडीह व्यवहार न्यायलय के एडीजे आठ सह पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश यशवन्त प्रकाश के कोर्ट ने शुक्रवार को एक गंभीर मामले में आरोपी को अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ जुर्माना भी लगाया है। यशवंत प्रकाश के कोर्ट ने बचाव पक्ष के वकील विशाल आनंद और सरकारी वकील सुधीर कुमार के दलील को सुनने के बाद उनके द्वारा दी गई दलिलों के आधार पर सरिया के मोकामो गांव निवासी दिगंबर प्रसाद वर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 15 हजार से लेकर 10 हजार तक का जुर्माना लगाया है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2020 में बिरनी के एक नाबालिग को आरोपी दिगंबर प्रसाद वर्मा अक्सर उसे उसके घर के मोबाइल फोन में कॉल कर पंकज बनकर अपना परिचय देता, और उसे शादी का प्रलोभन दिया करता था। इस दौरान वह रेलवे में नौकरी होने का झांसा भी देने के साथ ही शादी करने की बात कहता था। इस बात की जानकारी नाबालिग के पिता को होने के बाद दिंगबर ने युवती के पिता से पंकज बनकर बात की और उसकी बेटी से शादी करने की इच्छा जाहिर करते हुए दहेज की भी मांग की। आरोपी के बहकावे में आकर युवती के पिता ने दिंगबर के अकाउंट में तीन लाख भेज भी दिया। इसके बाद जब उसने और पैसे की मांग की तो बाप बेटी ने उससे मिलने की इच्छा जाहिर की।
बताया जाता है कि आरोपी दिगंबर प्रसाद वर्मा और युवती के पिता दोनों रिश्तेदार थे, लेकिन पंकज बनकर कॉल करने के कारण पीड़िता और उसके पिता उसे पहचान नहीं पा रहे थे। इसी दौरान चार साल पहले दिगंबर ने नाबालिग को कॉल कर मिलने के लिए बुलाया। जिसकी जानकारी बेटी ने अपने पिता को देने के साथ ही उन्हें लेकर मिलने वाले स्थान पर चले गए। जहां दिगंबर अपना चेहरा कपड़े से छिपाए हुए था। इस दौरान जब कपड़ा हटाकर चेहरा दिखाने को कहा। चेहरा देखने के बाद पिता ने पंकज के बजाय दिगंबर प्रसाद वर्मा के रूप में किया। इस दौरान दिगंबर और उसके दोस्त ने युवती के पिता को बेहोश कर झाड़ी में कर दिया। वहीं नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर उसका यौन शोषण किया।
घटना के दूसरे दिन नाबालिग के पिता ने बिरनी थाना पुलिस को पूरे मामले की जानकारी देते हुए दिगंबर प्रसाद वर्मा के खिलाफ शादी का प्रलोभन देकर यौन शोषण और धोखाधड़ी करने व सुनील राणा पर अपने साथी दिगंबर प्रसाद वर्मा का साथ देने का केस दर्ज कराया। मामला दर्ज होने के बाद बिरनी थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। वहीं न्यायालय में तीन सालो तक मामला चलने के बाद दिगंबर प्रसाद वर्मा को आरोपी पाया गया। वहीं सुनील राणा के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं रहने के कारण उसे रिहा कर दिया गया। कोर्ट ने दिगंबर प्रसाद वर्मा को यौन शोषण की धारा 376 के साथ पोक्सो एक्ट की धारा 4 व 6 में आजीवन कारावास की सजा सुनाने के साथ ही 10 हजार का जुर्माना लगाया। वही पोक्सो एक्ट की धारा 8 में 5 साल और धारा 417 आईपीसी में 4 साल की सजा सुनाई गई।