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वैक्सीन लेने अगर गिरिडीह सदर अस्पताल जा रहे है तो रहे सावधान, क्योंकि लापरवाह स्वास्थ विभाग के कर्मी सैंपल लिए और जांच किए बगैर आपको भेज सकते है कोरोना का जांच रिपोर्ट

गिरिडीहः
कोरोना काल में गिरिडीह सदर अस्पताल के कर्मियों की लापरवाही रह-रह कर सामने आती रहती है। फिलहाल इस खबर को पढ़ने के बाद आपको वाकई सावधान होने की जरुरत है। क्योंकि आॅनलाईन रजिस्ट्रैशन कराने के बाद वैक्सीन लेने गए एक लाभार्थी को स्वास्थ विभाग के कर्मियों ने वैक्सीन तो दिया। लेकिन सैंपल लिए और जांच किए बगैर लाभार्थी के मोबाइल नंबर में उसके कोरोना के एंटीजन टेस्ट का रिपोर्ट निगेटीव भेज दिया। ऐसे में यह तो स्पस्ट कहा जा सकता है कि यह पूरी तरह से स्वास्थ विभाग के लापरवाही की बानगी है। फिलहाल गिरिडीह स्वास्थ विभाग की लापरवाही का यह पहला मामला सामने आया है। तो अब स्वास्थ विभाग कई तर्क देकर खुद को बचाने की जुगाड़ में भी है। वैसे स्वास्थ विभाग के कर्मियों की लापरवाही का शिकार शहर के न्यू बरगंडा के जीतेन्द्र कुमार बने। सोमवार को भुक्तभोगी जीतेन्द्र कुमार जब अपनी पत्नी को कोविशील्ड वैक्सीन का दुसरा डोज दिलाने पहुंचे। तो स्वास्थ विभाग के कर्मियों की इस बड़ी लापरवाही को लेकर सामने आएं।
इस दौरान भुक्तभोगी जीतेन्द्र कुमार ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि डेढ़ माह पहले पहला डोज लेने के बाद बीतें 19 अगस्त यानि गुरुवार को वो दुसरा डोज लेने पहुंचे थे।

लाभार्थी जीतेन्द्र कुमार ने 18 अगस्त को ही दुसरा डोज लेने के लिए रजिस्ट्रेशन करा दिया था। इसके बाद दुसरे दिन गुरुवार को जब जीतेन्द्र कुमार सदर अस्पताल के दुसरे तल्ले में पहुंचे, तो वहां स्वास्थ विभाग के कर्मियों ने उनका नाम आॅफलाईन रजिस्ट्रर्ड करने लगे। नाम और मोबाइल नंबर लिखते देख भुक्तभोगी जीतेन्द्र कुमार ने कर्मियों को टोंका भी। तो कर्मियों ने बताया कि वैक्सीन लेने आ रहे लोगों का जांच और सैंपल लेकर रिपोर्ट उनके नंबर पर भेजना है। कर्मी के कहने के बाद जीतेन्द्र कुमार ने कोरोना का कोई जांच कराने से इंकार करते हुए वैक्सीन का दुसरा डोज देने को कहा। और दुसरा डोज लेकर जीतेन्द्र कुमार चले भी गए। लेकिन दुसरे दिन उनके मोबाइल नंबर पर एंटीजन टेस्ट का रिपोर्ट निगेटीव भेजा गया। इसे लेकर लाभार्थी लगातार दो दिनों तक परेशान रहे। वहीं तीसरे दिन सोमवार को जब वह पत्नी को लेकर दुसरा डोज दिलाने पहुंचे। तो कर्मियों को पूरे मामले की जानकारी भी दिया। लेकिन कर्मियों ने टेक्नीकल त्रृटि बताकर पल्ला झाड़ लिया। इधर भुक्तभोगी लाभार्थी जीतेन्द्र कुमार ने यह भी दावा किया कि 19 अगस्त को डोज लेने वालों के रजिस्ट्रर का जांच किया जाता है तो निश्चित तौर पर ऐसे कई मामले और सामने आ सकते है। बहरहाल, स्वास्थ विभाग के लापरवाही की यह बानगी है कि एक लाभार्थी कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन का दुसरा डोज लेने पहुंचा। तो बगैर जांच के उसके नंबर पर रिपोर्ट निगेटीव भेज दिया गया।

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