वनभूमि का हिस्सा नहीं है गिरिडीह के सदर विधायक सोनू का उत्सव उपवन रिसोर्ट, आरोपों से घिरे विधायक ने काटा कन्नी, झामुमो नेता उतरे बचाव में, किसी भूमाफिया से नहीं है संबध
झामुमो अध्यक्ष समेत नेताओं ने किया प्रेसवार्ता, भाजपा नेताओं को चुनौती देते कहा कि भूमाफियाओं के खिलाफ प्रशासन करे कार्रवाई
गिरिडीहः
उत्सव उपवन रिसोर्ट के मुद्दे पर भाजपा नेता सुरेश साहु के गंभीर आरोपों में घिरे गिरिडीह के सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने भले ही मामले को मामूली बताकर कन्नी काट लिए हो। लेकिन दुसरे दिन शनिवार को सदर विधायक सोनू के बचाव में उनके पार्टी के नेता मैदान-ए-जंग में कूदे। और भाजपा नेता साहु समेत पूर्व सीएम बाबूलाल मंराडी का नाम लिए बगैर दोनों पर कड़ा हमला करते हुए हद में रहने तक का अल्टीमेटम दे दिया। शनिवार को झामुमो अध्यक्ष संजय सिंह, अजीत कुमार पप्पू, शाहनवाज अंसारी, अभय सिंह और रॉकी सिंह ने प्रेसवार्ता कर साफ तौर पर कहा कि जिनके घर शीशे के होते है वो दुसरो के घर पत्थर नहीं मारा करते। क्योंकि सदर विधायक सोनू का उत्सव रिसोर्ट का प्लॉट कोई वनभूमि में नहीं है। इसके बाद भाजपा नेता साहु ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका का हवाला देते सदर विधायक पर वनभूमि को कब्जा कर रिसोर्ट बनाने का आरोप लगा दिया है।
जबकि झामुमो दावा करती है कि रिसोर्ट का निर्माण एक रैयती प्लॉट पर हुआ है। लेकिन भाजपा नेता ने इसे जुड़े दो ममाले में सफेद झूठ बोला है। जिसमें पहला हाईकोर्ट में दायर पीआईएल। पीआईएल दाखिल करने वाले सुरेश गुप्ता उर्फ लोहा सिंह को हाईकोर्ट ने मामले को हजारीबाग आयुक्त के पास आवेदन देने का निर्देश दिया। लेकिन हाईकोर्ट के निर्देश को भी भाजपा नेता ने गलत तथ्यों के साथ पेश कर प्रेसवार्ता किया। झामुमो अध्यक्ष ने प्रेसवार्ता के क्रम में कहा कि उत्सव उपवन रिसोर्ट जिस प्लॉट पर है। उस प्लॉट का खाता नंबर-12 और प्लॉट नंबर 1001 एक सौ नौ साल पुराना हरिलाल मिस्त्री के नाम से रजिस्ट्री डीड और करीब साढ़े नौ बीघा का प्लॉट है। ना कि वो कोई वनभूमि प्लॉट है। जिस वक्त का यह रजिस्ट्री डीड है उसके कई सालों बाद साल 1927 में वन अधिनियम लागू हुआ। ऐसे में भाजपा नेता ने सदर विधायक के स्वच्छ छवि को धूमिल करने का प्रयास किया।
तथ्यों को पेश करने के साथ दावा करते हुए झामुमो नेताओं ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि उत्सव उपवन रिसोर्ट कोई मुद्दा नहीं है जिसके लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया जाएं। क्योंकि वन विभाग ने पहले ही दावा कर दिया गिरिडीह के सदर अचंल का हरसिंगरायडीह मौजा का कोई प्लॉट वनभूमि में नहीं आता। एक सवाल के जवाब में झामुमो अध्यक्ष ने यह भी कहा कि बीतें कुछ महीनों से जिन-जिन जमीनों को लेकर विवाद चल रहा है उनसे सदर विधायक सोनू को कोई लेना-देना नहीं है। झामुमो अध्यक्ष ने दावा करते हुए और बगैर नाम लिए कहा कि शहर या जिले के किसी बड़े वैद्य और अवैध जमीन कारोबारी मो. इश्तियाक उर्फ लालो और किसी बड़े उद्योगपति से ही सदर विधायक सोनू का कोई संबध भी नहीं है। झामुमो अध्यक्ष ने भाजपा नेताओं और पूर्व सीएम मंराडी समेत सुरेश साहु को चुनौती देते हुए कहा कि हिम्मत है तो जिनके संबध सदर विधायक से है उनके नाम लेने से दोनों क्यों घबराते है। नाम लेकर आरोप लगाएं कि किनसे विधायक के संबध है। लिहाजा, झामुमो भी प्रशासन से मांग करता है कि जिले में भूमाफियाओं के खिलाफ हर हाल में कड़ी कार्रवाई हो।