दर्जन भर गौवंश की मौत से गुस्साएं ग्रामीणों ने गिरिडीह के मुद्रां राईस फैक्ट्री गेट के बाहर किया प्रदर्शन
गिरिडीहः
चावल का भूसा और डस्ट खा कर करीब डेढ़ दर्जन गौवंश के हुए मौत से गुस्साएं ग्रामीणों ने शुक्रवार को गिरिडीह के मुंद्रा राईस मिल के समीप प्रदर्शन किया। ग्रामीणों की यह भीड़ शुक्रवार दोपहर औद्योगिक क्षेत्र के जटके के मांझीटोल से अचानक चाईना प्लांट स्थित मुद्रां राईस मिल गेट के समीप पहुंच गई। और फैक्ट्री गेट को जाम कर दिया। इस दौरान प्रदर्शन में विजय मुर्मु, गोंविद हेम्ब्रम समेत कई ग्रामीण और महिलाएं शामिल थी। ग्रामीणों द्वारा मुद्रां राईस मिल फैक्ट्री जाम किए जाने की सूचना मिलने के बाद मुफ्फसिल थाना प्रभारी विनय राम और एसआई प्रदीप कुमार भी पुलिस जवानों के साथ पहुंचे। और ग्रामीणों को समझाया। लेकिन गेट जाम कर प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण पुलिस की बात मानने को तैयार नहीं थ। ग्रामीणों का आरोप था कि मुद्रां राईस मिल के मालिक आदित्य मुद्रां के राईस मिल से चावल के कुटाई के बाद उसे निकलने वाले डस्ट और भूसा को लापरवाही से बाहर फेंक दिया जाता है। इसी डस्ट और भूसे को खाने के बाद पिछले कुछ दिनों में दर्जन गौवंश की मौत हो चुकी है। इसमें गाय और बछड़े दोनों शामिल है। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण इस दौरान ट्रैक्टर में मरे हुए दो गौवंश को लोड कर फैक्ट्री गेट के पास पहुंच गए थे। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि फैक्ट्री के बाहर फेंकने के कारण ही गौवंश और उनके बछड़े चरते-चरते डस्ट और भूसी तक पहुंचते है। और उसे खाने के बाद दम तोड़ दे रहे है। ग्रामीणों का आक्रोश देख कर थाना प्रभारी ने फैक्ट्री प्रबंधन से वार्ता किया। और तत्काल ग्रामीणों को 40 हजार का मुआवजा दिलाया। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ से वहां हटी।