गिरिडीह के सम्मेद शिखर मधुबन एक फिर धार्मिक अनुष्ठानों के रंग में रंगा, मुंबई की दो युवतियां सांसरिक जीवन त्याग कर ले रही जैन साध्वी की दीक्षा
गिरिडीहः
विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल सम्मेदशिखर मधुबन एक बार फिर धार्मिक अनुष्ठानों के रंग में रंगा हुआ है। और इस बार दो जैन युवतियां दीक्षा लेकर आजीवन साध्वी का वेश धारण करने जा रही है। वैसे इसे पहले भी कई जैन समाज की युवतियां दीक्षा लेकर साध्वी बनकर सांसरिक जीवन का त्याग कर चुकी है। इसी में एक थी गुजरात की निशा कपासी, जो आस्ट्रेलिया में रहते हुए सात करोड़ के पैकेज में मॉडलिग के क्षेत्र में थी। और आठ साल पहले ही इसी भगवान पार्श्वनाथ के तपो और निर्वाण भूमि में सात करोड़ का जॉब छोड़कर दीक्षा ली, और साध्वी का वेश धारण की। इस वक्त गुजरात की निशा कपासी का दीक्षा समारोह पूरे राज्य में चर्चा का विषय रहा था। लेकिन अब आठ सालों बाद एक बार फिर दो हम उम्र सहेलियां दीक्षा लेने जा रही है। लिहाजा, पिछले दो दिनों से जारी अनुष्ठानों के बीच रविवार को सम्मेद शिखर के तलहटी में दीक्षा समारोह को लेकर ही भव्य शोभा निकाला गया। इस दौरान शोभा यात्रा ने पूरे सम्मेद शिखर मधुबन का भ्रमण किया। गाजे-बाजे के साथ निकले शोभा यात्रा में दीक्षा लेने वाली मुंबई की दोनों युवतियां 19 वर्षीय दर्शी कुमारी और 15 वर्षीय देशना कुमारी भी शामिल हुई थी। शोभा यात्रा में एक रथ पर भगवान पार्श्वनाथ को सजाया गया था। इस दौरान शोभा यात्रा में मुंबई के कई श्रद्धालुओं के साथ दर्शी के पिता मनीष कुमार और देशना के पिता अमित कुमार समेत पूरा परिवार बेटियों के इस त्याग को लेकर उत्साह के साथ शामिल हुए थे। जानकारी के अनुसार दोनोें सहेलियां है और पिछले तीन सालों से इसी सम्मेद शिखर में जैन मुनियों के सानिध्य में जैन धर्म की आस्था में लीन है। और तीन सालों बाद अब वैराग्य जीवन की तैयारी में जुटी हुई है। सोमवार को ही कई विधानों के साथ दर्शी और देशना कुमारी जैन समाज के मुनिश्री मुक्तिप्रभ आचार्य शुरीश्वर जी महाराज और आचार्य विजय पुण्यप्रभ महाराज के सानिध्य में दीक्षा लेगी। जानकारी के अनुसार तीन साल पहले दोनों ने मुंबई में पढ़ाई छोड़कर जैन मुनियों के सानिध्य में रहना शुरु की।