मुहर्रम को लेकर गिरिडीह प्रशासन अलर्ट, डीसी और एसपी ने अधिकारियों के साथ निकाला फ्लैग मार्च, हर संदिग्ध पर रखा जा रहा है नजर
गिरिडीहः
हजरत हुसैन के शहादत में मनाएं जाने वाले त्योहार मुहर्रम को लेकर गिरिडीह प्रशासन सुरक्षा को लेकर कोई चूक करना नहीं चाहता। मंगलवार को मनाएं जाने वाले पर्व को देखते हुए सोमवार की देर शाम डीसी नमन प्रियेश लकड़ा और एसपी अमित रेणु के साथ सदर एसडीएम के नेत्तृव में फ्लैग मार्च निकाला गया। तो दोनों अधिकारियों के संयुक्त निर्देश पर कई आदेश भी जारी किए गए। देर शाम निकले फ्लैग मार्च में जिला पुलिस बल के साथ सीआरपीएफ के जवान भी शामिल थे। लेकिन पुलिस सूत्रों की मानें तो हाल के दिनों में हिंसक घटनाओं को देखते हुए जितने पुलिस बल की जरुरत गिरिडीह को था। उतना मिला नहीं, लिहाजा, यह भी जिला प्रशासन के लिए चिंता की बात उभर कर सामने आ रहा है। क्योंकि संवेदनशीलता के मामले मंे गिरिडीह जिला भी उसी श्रेणी में है। हालांकि प्रशासन ने दावा तो किया है कि हर संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखा जा रहा है। किसी सूरत में समाजिक सद्भाव बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। क्योंकि त्योहार के दिन सुबह और शाम ड्रोन कैमरे से इलाके पर नजर रखा जाना है। इधर देर शाम निकले फ्लैग मार्च में शािमल डीसी और एसपी के साथ पूरा प्रशासनिक और पुलिस महकमा ने शहरी क्षेत्र का भ्रमण किया। और लोगों से शांतिपूर्वक त्योहार मनाने की अपील की।

जबकि पचंबा थाना क्षेत्र में भी फ्लैग मार्च निकाला गया। पचंबा थाना प्रभारी सौरभ कुमार के साथ पुलिस जवान भी शामिल थे।
इधर देर शाम निकले संयुक्त आदेश में जिले के चारों अनुमंडल क्षेत्र में नियंत्रण कक्ष को सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है। तो चारों के नंबर भी सार्वजनिक कर दिए गए है। जिसमें जिला मुख्यालय के नियंत्रण कक्ष का नंबर 06532-228829, धनवार नियंत्रण कक्ष—77660—81647, डुमरी—94313—13378 और बगोदर-सरिया नियंत्रण कक्ष—9473435905 को हर आपात स्थिति के लिए जारी किया गया है। इतना ही नही, जिले में शांति भंग नहीं हो, और ध्वनि प्रदुषण अधिक नहीं हो। इसके लिए प्रशासन ने जिले के हर सांउड सिस्टम संचालकों से शपथ पत्र लेकर डीजे बुक नहीं करने का भी निर्देश जारी किया है। जबकि डीसी के निर्देश पर ही स्वास्थ विभाग को अगले 48 के लिए सक्रिय रहने का निर्देश दिया गया है। और चिकित्सक और स्वास्थ कर्मियों को भी अलर्ट पर रहने का सुझाव दिया गया है। जबकि जिला मुख्यालय में ही छह ड्रॉपगेट बनाएं गए है।