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पंच खेरो गोरहांद डैम में हुई नाव दुर्घटना के बाद सुरक्षा को लेकर गंभीर हुई गिरिडीह व कोडरमा प्रशासन

  • डेम एरिया में बैठक कर अधिकारियों ने लिए कई निर्णय, पर्यटन के रूप में डेम को किया जायेगा विकसीत
  • कोडरमा सांसद मद से मुहैया कराया गया सुरक्षा संबंधी उपकरण

गिरिडीह। बीते 17 जुलाई को पंच खेरो गोरहांद डैम में हुई नाव दुर्घटना के संबंध में विचार विमर्श करने के उद्देश्य से गिरिडीह जिला प्रशासन एवं कोडरमा जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक शुक्रवार को दोनों जिला के सीमा पर स्थित डैम के पास हुई। बैठक में गिरिडीह उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा व कोडरमा उपायुक्त के अलावे संबंधित पदाधिकारी, मुखिया एवं अरकोसा गाँव के लोग उपस्थित थे। मौके पर दोनों जिला के पदाधिकारियों के द्वारा डेम में सुरक्षा की दृष्टि से जो पहल की जानी चाहिए, उस पर गहन विचार विमर्श किया गया। वहीं केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री अन्नपूर्णा देवी के सांसद निधि के द्वारा डैम में सुरक्षा संबंधी उपकरण उपलब्ध कराया गया। विदित हो कि 17 जुलाई को हुई नाव दुर्घटना में 8 व्यक्तियों की मौत हो गई थी। जिन्हें 19 जुलाई को आपदा विभाग की ओर से 4-4 लाख का चेक प्रदान किया जा चुका है।

कोडरमा जिला के सीमावर्ती गांव अरकोसा एवं आसपास के 12 युवक तथा गिरिडीह जिला के गोरहांद पंचायत एवं आसपास के 12 युवकों की सूची तैयार की जा रही है। जिन्हें एनडीआरएफ के द्वारा गोताखोर के रूप में प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही उन्हें बेसिक जीवन रक्षक कौशल का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।

डैम में कोडरमा जिला के मत्स्य विभाग के द्वारा बोट संचालित है। निर्णय लिया गया कि गिरिडीह जिला एवं कोडरमा जिला के द्वारा जिला पर्यटन संवर्धन परिषद की बैठक कर पंच खेरो गोरहांद डैम को पर्यटन स्थल के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। ताकि भविष्य में पर्यटन विभाग के द्वारा इस डैम के सौंदर्यीकरण एवं पर्यटन संबंधी संभावनाओं के संबंध में योजनाएं स्वीकृत कराई जा सके। साथ ही डैम पर उपस्थित जनप्रतिनिधि एवं ग्राम वासियों से अपील की गई की ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए ग्राम सभा आयोजित कर लोगों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से जागृत किया जाए।

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