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पांच सालों से बंद है गुमगी स्वास्थ्य उपकेन्द्र, स्वास्थ्यकर्मी बना रहे है हाजरी

  • रास्ते का अतिक्रमण होने के कारण नही खुलता है उपस्वास्थ्य केन्द्र
  • अतिक्रमण हटाने के लिए सीओ को लिखा गया है आवेदन: प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी
  • स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिक्रमण को लेकर नही दी गई है कोई जानकारी: सीओ

रंजन बरनवाल

गिरिडीह। आम जनता को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाखांे की लागत से बना तिसरी प्रखंड के गुमगी स्वास्थ्य उपकेंद्र स्वास्थ्य कर्मियों के मनमानी के कारण विगत पांच वर्षाे से बंद पड़ा है। जिसका न तो कोई अधिकारी ही सूध ले रहे है और न ही कोई जनप्रतिनिधि सूध लेने के लिए पहुंचे है। उपकेंद्र नही खुलने के कारण के चारांे तरफ झाड़ी ही झाड़ी उग गया है। नर्स, एमपीडब्लू एवं अन्य संबंधित स्वास्थ्यकर्मी बिना स्वास्थ्य केंद्र में बैठे ही फर्जी तरीके से हाजरी बनाकर रिपोर्ट राजकीय अस्पताल तिसरी में जमा कर वेतन उठा रहे है।

इस संबंध में दक्षिणी भाग के जिला परिषद रामकुमार रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण गुमगी स्वास्थ्य उपकेंद्र लगातार पांच वर्षाे से बंद पड़ा है। उपकेंद्र निर्माण होने में करीब 10 वर्ष हो चुका है। दो वर्ष पूर्व रंग रोगन कर बिल्डिंग को चमकाया गया है, लेकिन अस्पताल नही खुला। शासन प्रशासन की लापरवाही के कारण सिर्फ सरकार का रूपया बरबाद हो रहा है। उन्होंने जल्द से जल्द गुमगी स्वास्थ्य उपकेंद्र चालू कराने की मांग करते हुए कहा कि जिला परिषद की बैठक के दौरान उपायुक्त से शिकायत करेंगे।

इधर राजकीय अस्पताल तिसरी के प्रभारी चिकित्सक डॉ. रंजीत कुमार ने कहा कि गुमगी स्वास्थ्य उपकेंद्र के आस-पास के लोगों द्वारा रास्ता अतिक्रमण किया जा चुका है। अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर तिसरी सीओ को आवेदन दिया गया है, लेकिन आज तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया है।

वहीं सीओ असीम बाड़ा ने कहा कि गुमगी स्वास्थ्य उपकेंद्र का रास्ता अतिक्रमण हुआ है इसकी कोई सूचना उन्हें तिसरी स्वास्थ्य विभाग द्वारा नही दी गई है। आगे सूचना मिलने के बाद अतिक्रमणकारियों के उपर कानून कार्यवाही की जायेगी।

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