केन्द्र सरकार की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट किया पेश
- 1 घंटा 31 मिनट में बजट को किया पेश, टैक्स स्लैब नही किया कोई बदलाव
- पीएम ई विद्या के वन क्लास, वन टीवी चैनल की की घोषणा
- डिजिटल इंडिया, डिजिटल करैंसी पर बजट का रहा फोकस
नई दिल्ली। संसद में मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का आम बजट पेश किया। उन्होंनें 1 घंटा 31 मिनट तक बजट को पेश किया है। बाद में मीडिया के सवाल मिडिल क्लास को टैक्स में छूट क्यों नहीं दी गई? पर जवाब देते हुए कहा कि हमने दो साल से टैक्स नहीं बढ़ाया है। ये सबसे बड़ी राहत की बात है। यह बजट आम लोगों का बजट है। बजट में वित्त मंत्री का पूरा फोकस डिजिटल इंडिया पर रहा। वित्त मंत्री ने बताया कि इस साल देश में 5जी लॉन्च हो जाएगा। इसके साथ ही रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करगी। इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में स्किल डिवेलपमेंट के लिए डिजिटल देश ई-पोर्टल लॉन्च किया जाएगा। वित्त मंत्री ने पीएम ई विद्या के वन क्लास, वन टीवी चौनल की भी घोषणा की।
बजट में लंबी अवधि से होने वाले पूंजीगत लाभ (कैपिटल गैन) पर लगने वाले टैक्स में बड़ी राहत दी गई है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में ऐलान किया कि अब किसी भी कैपिटल गेन पर सरचार्ज 15 प्रतिशत से अधिक नहीं देना होगा। गौरतलब है कि पहले ही लिस्टेड कंपनियों के शेयर से होने वाली कमाई पर लंबी अवधि के लिए कैपिटल गेन टैक्स पर अधिकतम 15 प्रतिशत सरचार्ज लिया जाता है। अब बजट के इस फैसले से रियल एस्टेट, बांड, डिवेंचर आदि निवेशकों से भी एक सामान सरचार्ज लिया जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त मंत्री द्वारा उठाया गया यह एक बेहतर कदम है। विनिवेश को लेकर बीते साल सरकार की नाकामी से बजट में सबक लिया गया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से होने वाली आय के अनुमान में भारी कटौती करते हुए इसे 1.75 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 78,000 करोड़ रुपये कर दिया है।
बजट में बिटकॉइन के मुकाबले भारतीय डिजिटल करेंसी पर भी बड़ी घोषणा हुई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और प्रभावी नकदी प्रबंधन के लिए अप्रैल, 2022 से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष में डिजिटल मुद्रा पेश कर सकता है। वित्त मंत्री ने इसे डिजिटल रुपी नाम दिया है।
बजट में कई ऐसी घोषणाएं की गई हैं जिसका असर आपके द्वारा इस्तेमाल होने वाली जरूरी चीजों पर पड़ेगा। कुछ चीजें सस्ती होंगी तो कुछ पर बोझ बढ़ेगा जिससे वो महंगी हो जाएंगी। बजट में चमड़ा, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे, पालिश्ड डायमंड, विदेशी छाता, मोबाइल फोन चार्जर और जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे। जेम्स एंड ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। वहीं कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है। इसके चलते विदेशी छाते महंगे होंगे।
बजट 2022 की प्रमुख घोषणााएं
- वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था में तीव्र पुनरुद्धार आया, आर्थिक वृद्धि 9.2 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा 6.9 प्रतिशत, 2022-23 में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान।
- वित्त वर्ष 2022-23 में कुल व्यय 39.45 लाख करोड़ रुपये अनुमानित, कर्ज के अलावा कुल प्राप्ति 22.84 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान।
- आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं। मानक कटौती भी यथावत।
- तराशे और पॉलिश हीरे, रत्नों पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया गया।
- अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 65,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य, चालू वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को 1.75 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 78,000 करोड़ रुपये किया गया।
- एयर इंडिया के मालिकाना हक का रणनीतिक हस्तांतरण पूरा हुआ। एनआईएनएल (नीलाचल इस्पात निगम) के रणनीतिक खरीदारों को चुन लिया गया है।
- पूंजीगत व्यय 2022-23 के लिये 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये किया गया।
- राज्यों को 2022-23 में जीएसडीपी के चार प्रतिशत तक राजकोषीय घाटे की अनुमति दी जाएगी।
- आभासी डिजिटल परिसंपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।
- केंद्र सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन योजना में योगदान पर 14ः तक की कर राहत मिलती है, जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों को 10 प्रतिशत। इसमें बदलाव करते हुए राज्य सरकार को भी 14ः कर राहत देने का प्रस्ताव किया गया है।
- रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए, पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित किया गया है।
- सहकारी समितियों के लिये न्यूनतम वैकल्पिक कर घटाकर कंपनियों के अनुरूप 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- आरबीआई की ओर से 2022-23 से ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके ‘डिजिटल रुपया’ पेश करने का प्रस्ताव।
- सरकार दाखिल आईटीआर में भूल-चूक सुधारने को लेकर एकबारगी मोहलत देगी, अद्यतन रिटर्न दो साल के भीतर भरे जा सकेंगे।
- नवगठित विनिर्माण कंपनियों के लिए 15 प्रतिशत की रियायती कॉरपोरेट कर की दर एक और वर्ष के लिए मार्च, 2024 तक जारी रहेगी।
- आय पर उपकर या अधिभार को व्यापार खर्च के रूप में दिखाने की अनुमति नहीं।
- वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए सभी डाकघरों को कोर बैंकिंग समाधान से जोड़ा जाएगा।
- बिना मिश्रण वाले ईंधन पर एक अक्टूबर से दो रुपये लीटर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क लगेगा, इसका मकसद पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन के मिश्रण को बढ़ावा देना है।
- डिजिटल बैंकिंग को हर नागरिक तक पहुंचाने के उद्देश्य से देश के 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां शुरू होंगी।
- वर्ष 2022-23 में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के तहत 80 लाख घरों के निर्माण को पूरा करने के लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- 5जी मोबाइल सेवाओं के लिए 2022 में स्पेक्ट्रम की नीलामी आयोजित की जाएगी। पीएलआई योजना के हिस्से के रूप में 5जी के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाने को डिजाइन आधारित विनिर्माण योजना शुरू की जाएगी।
- प्रधानमंत्री ई विद्या के ‘वन क्लास, वन टीवी चौनल’ कार्यक्रम को 12 से 200 टीवी चौनलों तक बढ़ाया जाएगा। यह सभी राज्यों को कक्षा 1 से 12 तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा प्रदान करने में सक्षम बनाएगा।
- उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस और असीम पोर्टल आपस में जुड़ेंगे।
- पांच (दमनगंगा-पिंजल, तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्णा, कृष्णा-पेन्नार और पेन्नार-कावेरी) नदियों को जोड़ने की परियोजना के लिए डीपीआर मसौदे को अंतिम रूप दिया गया।
- 44,605 करोड़ रुपये की केन-बेतवा संपर्क परियोजना का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिससे नौ लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि को सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी।
- पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के लिए राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम को पीपीपी तरीके से लागू किया जाएगा, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- अगले तीन वर्षों में 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेलगाड़ियों का विनिर्माण होगा।
- रेलवे छोटे किसानों और छोटे व मझोले उद्यमों के लिए नए उत्पाद विकसित करेगा।
- एक स्टेशन, एक उत्पाद योजना के जरिये स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने को लेकर 2,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क को स्वदेशी प्रौद्योगिकी- कवच के अंतर्गत लाया जाएगा।
- सड़क परिवहन मास्टरप्लान के लिए पीएम गति शक्ति को 2022-23 में अंतिम रूप दिया जाएगा।
- अगले तीन साल में सौ पीएम गति शक्ति टर्मिनल गठित किये जाएंगे।
- 2022-23 के बीच राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 25,000 किमी तक बढ़ाई जाएगी, विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपये होंगे खर्च।
- रबी 2021-22 में 163 लाख किसानों से 1,208 टन गेहूं और धान खरीदा जाएगा। वर्ष 2023 को मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया।
- गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- तिलहन उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिये योजना लायी जाएगी।
- सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और धान की खरीद के लिये 2.37 लाख करोड़ रुपये भुगतान करेगी।
- उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना को 14 क्षेत्रों में मिली शानदार प्रतिक्रिया, तीस लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव मिले।
- चार स्थानों पर बहु-मॉडल पार्क के लिए अनुबंध अगले वित्त वर्ष में दिए जाएंगे।
- ईसीएलजीएस योजना को, मार्च 2023 तक बढ़ाया जाएगा और गारंटी कवर को 50,000 रुपये बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।
- चिप आधारित ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे।
- शहरी नियोजन के लिए पांच मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को 250 करोड़ रुपये की राशि के साथ उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया जाएगा।
- सरकार के कर्ज कार्यक्रम के तहत संसाधन जुटाने को हरित बॉन्ड जारी किए जाएंगे।
- तेजी से विवाद समाधान के लिए गिफ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र स्थापित किया जाएगा।