देशविरोधी साजिश के आरोप में गिरफ्तार सिमी सदस्य और गिरिडीह से रिटायर्ड दारोगा जलालुद्दीन का नक्सलियों से बेहद खास संबध
गिरिडीहः
देशविरोधी गतिविधियों और पीएम मोदी के हत्या के प्रयास की साजिश के आरोप में पटना के फूलवारीशरीफ पुलिस के हत्थे चढ़ा मोहम्मद जलालुद्दीन और परवेज अतहर ने कई राज उगले। लेकिन फूलवारी शरीफ पुलिस के हत्थे चढ़ा प्रतिबंधित कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन सिमी का सदस्य मोहम्मद जलालुद्दीन वही व्यक्ति है। जो पिछले साल ही झारखंड पुलिस सेवा के सब इस्पेंक्टर एसआई पद से गिरिडीह जिले से रिटायर्ड कर चुका था। लेकिन रिटायरमेंट के बाद सिमी का यह सदस्य आंतकी माड्यूलर कब बना, और फूलवारीशरीफ में शारीरिक प्रशिक्षण और मार्शल आर्ट के आंड में मुस्लिम समुदाय के युवाओं का ब्रेनवॉश का प्रशिक्षण लेकर कहां से लौटा। इस पर फिलहाल फूलवारीशरीफ पुलिस जांच और पूछताछ में जुटी हुई है। लेकिन गिरिडीह पुलिस की मानें तो सिमी का गिरफ्तार सदस्य और झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दारोगा मोहम्मद जलालुद्दीन साल 2021 में जनवरी तक गिरिडीह के भेलवाघाटी थाना का थाना प्रभारी रह चुका था। इसके बाद सिमी का यह गिरफ्तार सदस्य दो माह गिरिडीह से ही झारखंड पुलिस के एसआई की सेवा से रिटायर्ड किया। बतौर थाना प्रभारी कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन जलालुद्दीन का गिरिडीह में पहला पोस्टिंग था। जबकि यह जिले के कई थानों में बतौर दारोगा ड्यूटी कर चुका था। जिसमें देवरी के साथ कुछ और थानों के नाम सामने आएं है। इतना ही नही पुलिस सूत्र यह भी बताते है कि भेलवाघाटी थाना प्रभारी के रुप में जलालुद्दीन का नक्सली संगठन के मारक दस्ता के सदस्यों से संबध अच्छे थे, जिसमें पुलिस मुठभेड़ में मारा गया हार्डकोर नक्सली सिद्धु कोड़ा और वर्तमान में जमुई का हार्डकोर माओवादी पिंटू राणा शामिल है। क्योंकि साल 2019 में इसी जलालुद्दीन के कार्यकाल में भेलवाघाटी के लंबी पहाड़ी में पुलिस और माओवादियों के बीच साल 2019 के 14 अप्रेल की रात जबरदस्त मुठभेड़ हुआ था। जिसमें जिसमें सीआरपीएफ के सांतवी बटालियन का जवान विश्वजीत चौहान भी शहीद हुए थे। इस मुठभेड़ के बाद सिमी के इसी सदस्य और पूर्व थानेदार जलालुद्दीन पर लापरवाही का आरोप तक लगा था। जबकि पुलिस सूत्रों की मानें तो मामले में जांच तक होने की बात आई थी। लेकिन मामले को दबा दिया गया था।