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सौर उर्जा से बिजली उत्पादन के क्षेत्र में आम उपभोक्ताओं की आत्मनिर्भरता बढ़े, विधायक सुदिव्य कुमार सोनू का प्रयास लाया रंग

गिरिडीह को मिली सोलर पार्क निर्माण की स्वीकृति, चार सौ एकड़ बनेगा सोलर प्लांट, दो सौ एकड़ भूमि चिन्हित

विधायक के प्रस्ताव को हेंमत सरकार ने दी स्वीकृति, तो अब ज्रेडा एमएनआरई को फंड देने के लिए करेगा पत्राचार

मनोज कुमार पिंटूः गिरिडीहः
ज्रेडा के सहयोग से गिरिडीह को सोलर पार्क बनाने के प्रस्ताव को हंेमत सरकार ने स्वीकृति दे दिया है। अब शहरी क्षेत्र समेत जिले के कुछ हिस्से के बिजली उपभोक्ता सोलर पैनल के जरिये खुद की बिजली उत्पादन कर इस्तेमाल करेगें। और राज्य बिजली बोर्ड को बिजली बेचेगें भी। इसे सबसे अधिक फायदा उपभोक्ताओं को यह होगा कि बिजली का जो खपत उपभोक्ता करेगें। उसके के भुगतान में उपभोक्ताओं काफी राहत मिलेगी, और भुगतान में भी कटौती किया जाएगा। हालांकि इसके लिए शहरी क्षेत्र समेत आसपास के ग्रामीण उपभोक्ताओं को अपने घर के छत्त पर सोलर पैनल सिस्टम लगाना होगा। और पैनल भी इसी परियोजना के अन्र्तंगत उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। वैसे यह अभी स्पस्ट नहीं है कि सोलर पार्क कितने के लागत से बनेगा। जिले के इस सबसे बड़े महत्कांक्षी परियोजना को स्वीकृति दिलाने में झामुमो के सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने अहम भूमिका निभाया। विधायक सोनू ने गिरिडीह में सोलर पार्क निर्माण का प्रस्ताव छह माह पहले हेंमत सरकार को भेजा था। जिसकी स्वीकृति हेंमत सरकार ने देने के साथ ही ज्रेडा निदेशक को इस परियोजना पर काम करने का भी निर्देश जारी कर दिया था।
वैसे इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए अड़चन 400 सौ एकड़ भूमि का है। जहां सोलर प्लांट लगने है। लेकिन प्रोजेक्ट को स्वीकृति दिलाने में महत्पूर्ण भूमिका निभाने वाले सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू का दावा है कि इसमें दो सौ एकड़ के प्लाॅट को चिन्हित भी कर लिया है। चिन्हित प्लाॅट सदर प्रखंड और गिरिडीह स्टेडियम के समीप योगीटांड गांव है। जहां 200 सौ एकड़ में पहला सोलर प्लांट को विकसित किया जाएगा। विधायक सोनू ने यह भी स्पस्ट किया कि सीसीएल के इस प्लाॅट पर प्लांट लगाने को लेकर सीसीएल को कोई आपति नहीं है। वहीं दो सौ एकड के अतिरिक्त प्लाॅट को चिन्हित किया जा रहा है। अतिरिक्त प्लाॅट को चिन्हित करने के साथ ही अब जे्रडा निदेशक द्वारा केन्द्र सरकार के मिनिस्ट्ररी आॅफ रिन्यूअबल एनर्जी को फंड उपलब्ध कराने के साथ अन्य प्रकिया की स्वीकृति के लिए पत्राचार करेगा। इसके बाद सोलर पार्क बनाने की प्रकिया शुरु होगी।
दरअसल, सोलर पार्क के लिए चार सौ एकड़ भूखंड की जरुरत है। तो इतने बड़ा भूखंड किसी एक स्थान पर मिलना संभव नहीं था। लिहाजा, विधायक सोनू के प्रस्ताव पर डीसी राहुल सिन्हा ने पहला भूखंड योगीटांड को चिन्हित किया। तो दुसरे प्लाॅट की तलाश स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार चार सौ एकड़ के प्लाॅट पर 80 मेगावाट सौर उर्जा का उत्पादन करने का लक्ष्य है। पांच एकड़ में एक मेगावाट सौर उर्जा का उत्पादन निर्धारित है। लिहाजा, चार सौ एकड़ प्लाॅट में कुल 80 मेगावाट का उत्पादन किया जाएगा। इसके बाद सोलर पार्क को पचंबा के करहरबारी में बने पावर ग्रिड से जोड़ा जाएगा। जिसे बिजली उत्पादन की दिशा में खुद बिजली उपभोक्ता आत्मनिर्भर बनेें।

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